प्रयागराज। (आवाज न्यूज ब्यूरो) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 2025 के महाकुंभ के पवित्र अवसर पर प्रयागराज के संगम में साधु-संतों के साथ स्नान किया। इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, स्वामी रामदेव और अन्य साधु-संत भी मौजूद रहे। गृह मंत्री अमित शाह के आगमन को लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारियां की थीं। सबसे पहले, गृहमंत्री ने सेल्फी पॉइंट अरैल घाट का दौरा किया और फिर पवित्र त्रिवेणी संगम में साधु-संतों के साथ स्नान किया। अमित शाह ने संगम में डुबकी लगाने के बाद गंगा मैया को प्रणाम किया और इसके बाद साधु-संतों ने उन्हें गंगाजल से स्नान कराया।
संगम में स्नान करने के बाद अमित शाह ने गेरुआ वस्त्र धारण कर संगम तट पर पूजा अर्चना की। इस मौके पर उनके परिवार के सदस्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कई साधु-संत भी उपस्थित थे। पूजा के बाद, गृहमंत्री ने गंगा मैया की आरती उतारी। अमित शाह ने महाकुंभ में अपनी पत्नी और परिवार के साथ विशेष रूप से समय बिताया। उन्होंने साधु-संतों के साथ संगम में स्नान भी किया था, लेकिन इसके अलावा उन्होंने प्रवासी पक्षियों को खाना खिलाने का कार्य भी किया। बता दें कि प्रवासी पक्षी हर साल हजारों किलोमीटर का सफर तय कर भारत के विभिन्न हिस्सों में आते हैं, खासकर उत्तर भारत में। महाकुंभ यात्रा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ महाकुंभ के दौरान जूना पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर आचार्य अवधेशानंद गिरि जी महाराज और कुछ अन्य शीर्ष संतों के साथ तैरते हुए घाट पर बातचीत की। इस महत्वपूर्ण बैठक में धर्म, समाज और महाकुंभ के आयोजन पर विचार-विमर्श हुआ। अमित शाह के महाकुंभ दौरे के दौरान मेला क्षेत्र और प्रयागराज में अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मेला क्षेत्र को पूरी तरह से वाहन निषेध क्षेत्र घोषित किया गया था, ताकि श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। साथ ही, प्रयागराज शहर के विभिन्न स्थानों पर मार्ग परिवर्तन किए गए थे, जिससे स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों को कुछ असुविधा का सामना करना पड़ा, लेकिन सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया गया था। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कहा था, “धर्म नगरी प्रयागराज में एकता और अखंडता के इस महापर्व में मैं संगम स्नान करने और संतजनों का आशीर्वाद लेने के लिए उत्सुक हूं।” अमित शाह ने महाकुंभ को सनातन संस्कृति की “अविरल धारा” का अद्वितीय प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “महाकुंभ समरसता पर आधारित हमारे सनातन जीवन-दर्शन को दर्शाता है।” शाह का यह बयान महाकुंभ के महत्व और भारतीय संस्कृति के संरक्षण को लेकर उनके दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है, जिसमें कुंभ मेला एकता, समरसता और सद्भाव का प्रतीक बनकर सामने आता है।

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