‘‘अगर अरबपतियों के कर्ज माफ नहीं किए जाएं, तो उतने पैसे से मिडिल क्लास के सारे लोन माफ हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन पैसों से जीएसटी आधा किया जा सकता है और किसानों के लोन भी माफ किए जा सकते हैं।’’
नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो चुकी हैं। इसके साथ ही सभी दल चुनाव प्रचार करने में लगे हुए हैं। बता दें कि दिल्ली में 5 फरवरी को एक चरण में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं इसका परिणाम 8 फरवरी को जारी किया जाएगा। इसके साथ ही आरोप- प्रत्यारोप का खेल भी जारी है। वहीं अब एक बार फिर से दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार की नीतियों और अरबपतियों के कर्ज माफी को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं?
बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा कि केंद्र की भाजपा सरकार चंद अरबपति दोस्तों पर करोड़ों रुपये लुटा रही है। उन्होंने दावा किया कि पिछले 5 सालों में भाजपा सरकार ने 400-500 अरबपति दोस्तों के 10 लाख करोड़ रुपये माफ कर दिए हैं, जो पैसे जनता के लिए खर्च होने चाहिए थे। इसके साथ ही केजरीवाल ने आगे कहा कि एक व्यक्ति के 46 हजार करोड़ रुपये माफ किए गए हैं, जबकि दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू की, जिसमें सिर्फ 400 करोड़ रुपये खर्च हुए। उन्होंने कहा कि अरबपतियों के कर्ज माफ करने से कहीं ज्यादा पैसा तो मिडिल क्लास से टैक्स के रूप में लिया जाता है।
केजरीवाल ने पीएम मोदी से मांग की कि एक कानून बनाया जाए, जिससे अरबपतियों के कर्ज माफ न किए जाएं। उनका कहना था कि अगर अरबपतियों के कर्ज माफ नहीं किए जाएं, तो उतने पैसे से मिडिल क्लास के सारे लोन माफ हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन पैसों से जीएसटी आधा किया जा सकता है और किसानों के लोन भी माफ किए जा सकते हैं। पानी के मुद्दे पर केजरीवाल ने दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी भाजपा को निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा और उनके नेताओं को पानी पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। केजरीवाल ने अपनी सहयोगी नेता आतिशी के हवाले से बताया कि शाम 4 बजे आतिशी और भगवंत मान चुनाव आयोग से मिलने जाएंगे। उन्होंने भाजपा नेता सैनी को चेतावनी दी और कहा, “अगर आप केस करना चाहते हैं तो करें, जेल तो भेज ही चुके हैं, लेकिन कम से कम गंदा पानी मत दें।” अरविंद केजरीवाल ने अपने पत्र में भाजपा सरकार की नीतियों पर कड़ी आलोचना करते हुए अरबपतियों के कर्ज माफी के खिलाफ कानून बनाने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के पानी मुद्दे पर भी भाजपा की राजनीति पर सवाल उठाए हैं। चुनाव के मौके पर इस पत्र ने दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है।
