‘पेपर लीक’ देश में शिक्षा, परीक्षा में विसंगतियों का परिणाम : खान सर

‘‘निजी संस्थानों की फीस बहुत ज़्यादा होती है, इसलिए छात्र चाहते हैं कि उन्हें लाखों रुपए की फीस देने के बजाए लीक हुआ पेपर ही मिल जाए। भारत में शिक्षा इतनी महंगी है कि छात्र विदेशों की ओर रुख कर रहे हैं।”
नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो)
 बिहार में कोचिंग सेंटर चलाने वाले चर्चित “खान सर” ने शनिवार को मुंबई में कहा कि भारत में पेपर लीक की समस्या महंगी और दोषपूर्ण शिक्षा व्यवस्था का परिणाम है और इससे लोग महंगी पढ़ाई पर खर्च करने के बजाय प्रश्न-पत्र खरीदने में लाभ देखते हैं। वह एक टीवी समाचार चैनल द्वारा आयोजित सम्मेलन के एक चर्चा सत्र में भाग ले रहे थे।
ग्लोबल स्टडीज़ एण्ड खान जीएस रिसर्च सेंटर के संस्थापक खान सर ने जीवन-यापन के लिए पढ़ायी-लिखाई के महत्व पर एक सत्र में पेपर लीक के मुद्दे पर भी विचार रखे। इस सत्र का विषय था-‘द टवेंटी फर्स्ट सेंचुरी इंडियन- लर्निंग टू सरवाइव।’ उन्होंने परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाने की बात कही। उन्होंने शिक्षा प्रणाली की खामियों पर बात करते हुए मेडिकल कॉलेज की फीस में भारी अंतर की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘सरकारी कॉलेज बहुत कम शुल्क लेते हैं जिससे शिक्षा सुलभ हो जाती है। लेकिन वहीं निजी संस्थानों की फीस बहुत ज़्यादा होती है, इसलिए छात्र चाहते हैं कि उन्हें लाखों रुपए की फीस देने के बजाए लीक हुआ पेपर ही मिल जाए। भारत में शिक्षा इतनी महंगी है कि छात्र विदेशों की ओर रुख कर रहे हैं।”
उन्होंने इसके समाधान में व्यक्तिगत प्रयासों की सीमाओं पर बात करते हुए कहा, “ अकेला व्यक्ति 140 करोड़ लोगों के देश को नहीं बदल सकता, हमें अपने भीतर से बदलाव शुरू करना होगा।” उन्होंने कहा कि यह लड़ाई राजनीति के खिलाफ़ नहीं है बल्कि वास्तविक मुद्दों को हल करने की है। हमें तय करना होगा कि छात्र सिर्फ परीक्षा के लिए ही नहीं बल्कि अपने जीवन के लिए भी तैयार हों।’ उन्होंने कहा, “हर छात्र को मजबूत भविष्य बनाने के लिए कोई स्किल सीखना चाहिए, फिर चाहे वह किसी भी कोर्स से जुड़ा हो।” उन्होंने कहा कि व्यवहारिक शिक्षा, व्यवस्थित सुधार एवं कौशल विकास के द्वारा ही युवाओं को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सकता है। खान सर ने कहा कि शिक्षा, एकेडमी से दायरे से बढ़कर होनी चाहिए, छात्रों को रोज़गार क्षमता पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमें हर साल नए कौशल सीखने चाहिए, फिर चाहे वह ड्राइविंग हो या कोई और चीज़। सही कौशल पाने से आपकी रोज़गार क्षमता बढ़ती है।’ उन्होंने ऐडटेक कंपनियों की खामियों पर बात करते हुए कहा , “इस तरह के प्लेटफॉर्म्स पर फीचर्स तो होते हैं, लेकिन शिक्षा के लिए फीचर्स के साथ-साथ अध्यापकों का होना भी ज़रूरी है।”

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