अब भारत से भी बाहर होंगे अवैध प्रवासी : अमित शाह ने संसद में पेश किया इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल

नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) अमेरिका के बाद अब भारत सरकार भी अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़ा कदम उठाने जा रही है। बता दें कि भारत में अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले विदेशी नागरिकों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल 2025 पेश किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिल को संसद में पेश किया। माना जा रहा है कि इस नए कानून से मौजूदा कानूनी प्रावधानों को और कड़ा किया जाएगा, ताकि देश में अवैध घुसपैठ पर रोक लगाई जा सके।
इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल 2025 का उद्देश्य
आपको बता दें कि यह नया बिल उन विदेशी नागरिकों को निशाना बनाएगा जो अवैध रूप से भारत में घुसते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं। इसके तहत इमिग्रेशन अधिकारियों को अधिक अधिकार और शक्तियां दी जाएंगी, जिससे वे इन घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कदम उठा सकेंगे।
इमिग्रेशन अधिकारियों को मिलेगी अतिरिक्त शक्ति
बिल के तहत, अगर कोई विदेशी नागरिक राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और भारत की अखंडता के लिए खतरा साबित होता है, तो उसे भारत में प्रवेश करने या रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस बिल से इमिग्रेशन अधिकारियों को सशक्त बनाया जाएगा, जिससे वे अवैध आप्रवासियों को हिरासत में ले सकेंगे, उनकी जांच कर सकेंगे और उन्हें निर्वासित भी कर सकेंगे। इसके अलावा, इस बिल के अंतर्गत इमिग्रेशन अधिकारियों के आदेशों को अंतिम और बाध्यकारी माना जाएगा। यानी, अधिकारियों का निर्णय सर्वोपरि होगा।
नए बिल के तहत निरस्त किए जाएंगे कई अधिनियम
दरअसल, इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल 2025, विदेशी अधिनियम 1946 सहित कई पुराने कृत्यों को निरस्त करने और बदलने की कोशिश करता है। इनमें पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920, और विदेशियों के पंजीकरण अधिनियम 1939 शामिल हैं, जो विश्व युद्धों के दौरान बनाए गए थे।
बिल के प्रमुख प्रावधान
नया बिल अवैध घुसपैठ रोकने और उन पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कुछ प्रमुख प्रावधान लेकर आता है :
बिना वैध दस्तावेज़ भारत में प्रवेशः अगर कोई व्यक्ति बिना वैध पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेजों के भारत में प्रवेश करता है, तो उसे 5 साल तक की सजा या 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, या दोनों सजा मिल सकती है।
वाहक और एयरलाइंस पर जिम्मेदारीः सभी वाहकों, एयरलाइनों, शिपिंग कंपनियों और परिवहन एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे बोर्डिंग से पहले सभी यात्री दस्तावेजों की सत्यापन करें। अगर यह सत्यापन नहीं किया गया तो उन पर कानूनी दंड लागू होगा।
वीजा अवधि समाप्त होने के बाद भारत में रहनाः यदि कोई व्यक्ति वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी भारत में रहता है, तो उसे 3 साल तक की सजा और 3 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
धोखाधड़ी से प्राप्त पासपोर्ट का उपयोगः अगर कोई व्यक्ति धोखाधड़ी या जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करता है, तो उसे 2 साल तक की सजा हो सकती है, जो कि 7 साल तक बढ़ाई जा सकती है।
परिवहन ऑपरेटरों पर दंडः अगर कोई परिवहन ऑपरेटर अवैध विदेशियों को भारत में लाता है, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भारत की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम
इस बिल का उद्देश्य भारत की सुरक्षा को मजबूत करना और अवैध घुसपैठियों को नियंत्रित करना है। यह कानून अधिकारियों को उचित अधिकार प्रदान करता है, ताकि वे देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा कर सकें। इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल 2025 भारत में अवैध घुसपैठ रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इस नए बिल के तहत इमिग्रेशन अधिकारियों को अधिक शक्ति दी जाएगी, ताकि वे अवैध आप्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठा सकें। अब यह देखना होगा कि इस कानून के लागू होने के बाद इसके प्रभावी कार्यान्वयन से भारत में अवैध घुसपैठ में कितनी कमी आती है।

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