बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) जिला जेल में बन्द समाजवादी पार्टी के नेता नवाब सिंह यादव और उनके भाई नीलू यादव के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जेल में वकील से अभद्रता और अवैध मुलाकातों की जांच पूरी हो गई है। जांच में पता चला कि 8 मार्च को अधिवक्ता अरविंद सिंह चौहान जब एक कैदी के परिजनों को मिलवाने पहुंचे, तो नवाब-नीलू के समर्थकों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
जांच अधिकारी सीओ सिटी कमलेश कुमार ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की। इसमें देखा गया कि दूसरे कैदियों के नाम पर फर्जी मुलाकाती पर्चियां बनाकर नवाब-नीलू के समर्थकों को जेल के अंदर भेजा जा रहा था। सीसीटीवी फुटेज में जेल के अंदर नवाब-नीलू से मिलने वालों की भीड़ दिखाई दी।
यह जेल की सुरक्षा के लिए खतरा माना गया है। जांच में मुलाकाती पर्ची बनाने वाले कर्मचारी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। इसके चलते उसके टेंडर की जांच की जाएगी। जांच अधिकारी ने दोनों भाइयों को अलग-अलग दूर की जेलों में स्थानांतरित करने की सिफारिश की है। साथ ही जेल में उच्च स्तरीय जांच कराने की भी संस्तुति की गई है, जिससे जेल की वास्तविक स्थिति का पता चल सके।
सीओ सिटी कमलेश कुमार ने बताया कि 3 फरवरी को गैंगस्टर नीलू यादव की तबीयत खराब हो गई थी, जिसे जेल से इलाज के लिए तिर्वा स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। तब रात के समय नीलू के कुछ समर्थक मेडिकल कॉलेज पहुंच गए थे और जमकर हंगामा किया था। इनमें से अधिकांश समर्थक जेल के सीसीटीवी कैमरों में नवाब-नीलू के आसपास घूमते नजर आए। जिनकी पहचान कर ली गई। इन लोगों के खिलाफ भी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
राजेश यादव के टेंडर की होगी जांच
अधिवक्ता से जेल में हाथापाई मामले की जांच करने वाले सीओ सिटी ने बताया कि मुलाकाती पर्ची बनाने वाला राजेश यादव, जोकि नवाब और नीलू यादव का ही आदमी है। उसकी भूमिका संदिग्ध है। वर्ष 2011 से उसी को जेल का ठेका मिलता आया। जोकि संदेह के घेरे में हैं। राजेश यादव के टेंडर की भी जांच कराई जाएगी।