बसपा ने समधन के पूर्व चेयरमैन शिब्बू की पत्नी को मैदान में उतारा
बृजेश चतुर्वेदी
चार वर्ष पहले सपा में शामिल हुए छिबरामऊ विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक ताहिर हुसैन सिद्दीकी टिकट न मिलने पर पार्टी से नाराज हो गए। मंगलवार को गुरसहायगंज स्थित आवास पर बड़ी संख्या में समर्थकों को बुलाकर उन्होंने जब सपा से बगावत कर अपने दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी तो पार्टी में हड़कंप मच गया। कल बुधवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पूरे परिवार को लखनऊ बुलाकर समझाया। माना जा रहा था कि ताहिर मां गए है किंतु आज स्वयम अपने, भाई तहसीन और बेटे जुनैद के नाम से चार चार सेट नामांकन पत्र खरीदे जाने से फिर अटकलें लगने लगी कि वे अपनी पुरानी पार्टी बसपा से टिकट ले सकते हैं। यह लगभग वही समय था जब 196 छिबरामऊ से सपा के अधिकृत उम्मीदवार अरविंद सिंह यादव चार सेट में अपना नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी अशोक कुमार को सौंप रहे थे। बाहर निकलने पर अरविंद से बागी ताहिर और दिनेश यादव के बारे में पूछा गया तो वे बोले पार्टी और परिवार में खटपट होती ही रहती है वक्त रहते इसे ठीक कर लिया जाएगा और सपा भारी बहुमत से चुनाव जीतेगी।इस बयान के चंद घण्टे बाद घटना क्रम तेजी से बदला और बसपा ने छिबरामऊ से समधन नगर पंचायत के पूर्व चैयरमैन सैयद अहमद सुल्तान शिब्बू की वेवा हमीदा बेगम जूही को टिकट की अधिकारिक घोषणा कर दी। इस फैसले से अरविंद की मुश्किलें और बढ़ गयी। मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण से माना जा रहा है कि भाजपा की राह आसान हो सकती है। पूर्व विधायक ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर छल करने का आरोप लगाया। कहाकि वे बार बार टिकट देने का आश्वासन देते रहे। अंत में किसी और को थमा दिया। अब सपा को अपनी ताकत का अहसास कराएंगे। यहां से चुनाव जरूर लड़ेंगे। कोई दूसरी पार्टी टिकट न भी देगी तो वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरेंगे। समर्थकों के साथ बैठक कर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।
दरअसल छिबरामऊ विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक अरविंद सिंह यादव का टिकट मिलने के बाद ताहिर हुसैन सिद्दीकी के समर्थकों में मायूसी छा गई थी। उनके समर्थक ताहिर को टिकट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे। टिकट न मिलने पर सैकड़ों समर्थकों का उनके आवास पर जमावड़ा लग गया। सभी में सपा के खिलाफ गुस्सा था। इस दौरान फर्रुखाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तहसीन सिद्दीकी, तालग्राम के पूर्व चेयरमैन दिनेश यादव, तालग्राम के पूर्व ब्लाक प्रमुख राजेंद्र सिंह यादव, इंद्र कुमार गुप्ता, उमर फारूक की, आसिफ जमाल सिद्दीकी, अयूब सिद्दीकी सैकड़ों लोग मौजूद थे।
ताहिर हुसैन सिद्दीकी ने यूं ही बगावती तेवर नहीं अपनाए। दरअसल उन्हें कई सपा नेताओं का साथ मिल चुका है। बताया जा रहा है कि टिकट कटने के बाद उनके समर्थकों ने ही अपने दम पर चुनाव लड़ने की सलाह दी है। इससे सपा उम्मीदवार अरविंद सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।छिबरामऊ विधानसभा सीट से सपा का टिकट पाने के लिए 13 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन टिकट की मुख्य लड़ाई पूर्व विधायक अरविंद सिंह यादव और ताहिर हुसैन के बीच ही थी। अब टिकट न मिलने पर इनके सामने कांग्रेस, जन अधिकार पार्टी अथवा निर्दलीय प्रत्याशी के तौर ही चुनाव मैदान में उतरने का विकल्प है। ताहिर को तालग्राम के पूर्व चेयरमैन दिनेश यादव का भी समर्थन मिल गया है। दिनेश यादव ने ताहिर को तन, मन और धन से चुनाव लड़ाने का एलान कर दिया है। दिनेश यादव की भाभी कुसुमा यादव तालग्राम की चेयरमैन व पत्नी मिथलेश यादव जिला पंचायत सदस्य हैं। इस नए समीकरण से छिबरामऊ विधानसभा क्षेत्र का चुनावी गणित बदलता हुआ दिखाई दे रहा है।
ताहिर हुसैन सिद्दीकी ने वर्ष 2007 में कमालगंज विधानसभा सीट से पहली बार भाजपा प्रत्याशी मुकेश राजपूत को हराकर चुनाव जीता था। इसके बाद वर्ष 2012 और 2017 में छिबरामऊ विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े। इसके बाद 11 जनवरी 2018 को सपा में शामिल हुए।अटैचमेंट क्षेत्र