बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज(आवाज न्यूज ब्यूरो) उमर्दा के ब्लॉक प्रमुख और भाजपा के तिर्वा विधान सभा क्षेत्र में कद्दावर नेता अजय वर्मा की बगावत और बसपा से उनकी टिकट के ऐलान के बाद अब निवर्तमान विधायक कैलाश राजपूत की मुश्किलें बहुत ज्यादा बढ़ गयी है। बगावत हालांकि सपा में भी है और उसके प्रत्याशी इंजीनियर अनिल पाल के खिलाफ कभी इस क्षेत्र की बड़ी हैसियत रहे पूर्व सांसद और विधायक रामबख्श वर्मा के परिवार ने बगावत की घोषणा कर दी है। श्री वर्मा के पुत्र आलोक वर्मा लंबे समय से सपा में सक्रिय है और इस सीट पर उनकी दावेदारी अनिल से कहीं ज्यादा पुख्ता थी माना जा रहा था कि टिकट उन्हें मिलेगा और लोधी बाहुल्य मानी जाने वाली इस सीट पर बिरादरी में विधायक कैलाश राजपूत के प्रति नाराजगी का भरपूर लाभ उठाकर सपा यह सीट आसानी से निकाल लेगी किन्तु अंतिम क्षणों में टिकट अनिल पाल को मिलने के बाद हालात तेजी से बदले और स्वयम आलोक वर्मा ने इस संवाददाता से एक संक्षिप्त मुलाकात में कल एक बड़े धमाके का संकेत दिया।इस भावी धमाके से कैलाश की राह तो आसान नही होगी लेकिन अनिल की मुश्किलें जरूर बढ़ेंगी ऊपर से अजय वर्मा के बसपा की टिकट पर ताल ठोकने से इस सीट पर कांटे की टक्कर भी देखने को मिलेगी।राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यहां एक एक वोट की लड़ाई होगी और अंतिम क्षणों तक अनिश्चितता का वातावरण दिखाई देगा।अजय वर्मा के भाजपा छोड़ने का असर कैलाश पर साफ साफ दिखाई दिया जब स्थानीय सांसद सुब्रत पाठक उनके केंद्रीय कार्यालय का उद्घाटन करने तिर्वा पहुंचे तो निवर्तमान विधायक ने आरोप लगाया कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो करोड़ रुपये देकर अजय वर्मा को पार्टी छोड़ने के लिए उकसाया। इसी पैसे से अजय वर्मा ने बसपा का टिकट खरीद कर उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की तैयारी की है। जो भी हो सजातीय वोटों में भारी सेंधमारी से परेशान निवर्तमान विधायक अब नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गए हैं।अटैचमेंट क्षेत्र
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