किसी पार्टी के प्रवक्ता नहीं हो सकते लोकसभा अध्यक्ष एवं राज्यसभा के सभापति : सिब्बल

‘‘उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयान के बाद सियासी घमासान‘‘
नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो)
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा न्यायपालिका को लेकर की गई टिप्पणियों के बाद से सियासी संग्राम छिड़ गया है। विपक्ष के कई नेताओं ने राज्य सभा के सभापति को घेर लिया गया। रास सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा यह असंवैधानिक है और रास के किसी सभापति को कभी भी इस तरह का राजनीतिक बयान देते नहीं देखा गया था। लोस अध्यक्ष और रास सभापति विपक्ष और सत्तारूढ़ दल के बीच समान दूरी बनाए रखते हैं और वे ”पार्टी प्रवक्ता” नहीं हो सकते।
राष्ट्रपति नाम का मुखिया, उनके पास निजी अधिकार नहीं
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, उपराष्ट्रपति को पता होना चाहिए कि राज्यपाल और राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद की ‘सहायता और सलाह’ पर कार्य करते हैं। आज के समय में अगर किसी संस्था पर पूरे देश में भरोसा किया जाता है तो वह न्यायपालिका है। राष्ट्रपति तो केवल नाममात्र का मुखिया है।

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