‘‘बोले : मैं राजनेता नहीं, सच की तलाश में डटा इंसान‘‘
नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) राहुल गांधी ने माना कि आज के दौर में सच बोलना आसान नहीं है। उन्होंने कहा, आज लोग सच नहीं सुनना चाहते, राजनीति में यह आसान है कि जो लोग सुनना चाहते हैं, वही बता दो लेकिन मेरी आत्मा ऐसा करने की इजाज़त नहीं देती। मैं झूठ नहीं बोल सकता, चाहे मुझे नुकसान ही क्यों न हो, उन्होंने महात्मा गांधी और नेहरू के विचारों की तुलना करते हुए कहा कि गांधी जी अपने अंदर झांकते थे और नेहरू जी दुनिया और भविष्य को समझना चाहते थे। दोनों में गहराई थी पर सोचने का तरीका अलग था। कांग्रेस नेता ने कहा, मेरी दादी इंदिरा गांधी कभी खुद को सिर्फ एक राजनेता नहीं मानती थीं। वो बस अपना जीवन पूरी सच्चाई के साथ जीती थीं। मैं भी खुद को राजनेता नहीं मानता, मैं एक ऐसा इंसान हूं जो सच की तलाश में है। उन्होंने यह भी कहा, नेहरू, इंदिरा और राजीव गांधी इस बात की परवाह नहीं करते थे कि लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे। वे सिर्फ वही करते थे जो उन्हें सही लगता था। वे इस बात से प्रेरित नहीं होते थे कि 20-30 साल बाद लोग क्या कहेंगे।
