बृजेश चतुर्वेदी
लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो)। ऑपरेशन सिंदूर का सबसे बड़ा सबक भारत ने पाकिस्तान को ये सिखाया है कि परमाणु बम होने के बावजूद वो उसके घर में घुसकर हमला कर सकता है, उसे दंडित कर सकता है। साल 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भी दोनों देश परमाणु सशस्त्र थे, फिर भी वो संघर्ष काफी सीमित रहा था, जिसकी सबसे बड़ी वजह सिर्फ एक क्षेत्र में युद्ध का होना था। कारगिल का इलाका काफी मुश्किल था जो एलओसी के काफी सीमित क्षेत्र में लड़ा गया था और भारत वो लड़ाई कारगिल से पाकिस्तानी सैनिकों को भगाने के लिए लड़ रहा था। उस युद्ध में भारत ने पाकिस्तान के अंदर हमला नहीं किया था और न ऐसा कोई फैसला लिया गया था। इसके अलावा उस वक्त दोनों देशों के पास नये नये परमाणु हथियार थे और दोनों ही देश परमाणु हथियारों को लेकर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम विकसित करने को लेकर जूझ रहे थे लेकिन ऑपरेशन सिदूर के दौरान हालात अलग थे।
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान परमाणु बम रखने वाले पाकिस्तान के अंदर घुसकर उसके एयरबेस उड़ाए, उसके मिसाइल डिफेंस सिस्टम तहस-नहस किए और ऐसा पूरी क्षमता के साथ किया जिसमें भारत ने पाकिस्तान की सेना को सिर्फ कुछ घंटों की लड़ाई में अपनी ताकत दिखा दी। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के हृदय स्थल पंजाब में हमले किए और संदेश दिया कि देश का संयम पर खत्म हो चुका है।
भारत ने तोड़ डाला ‘ब्लीड इंडिया’ का भ्रम
भारत के ऑपरेशन सिंदूर में सिर्फ पहलगाम आतंकी हमले का क्रोध नहीं था, बल्कि संसद हमला हो, या मुंबई हमला या फिर पुलवामा हमला… हर आतंकी हमले का प्रतिशोध था। यकीन मानिए कुछ घंटों की लड़ाई में भारतीय सेना ने जो तबाही मचााई उसने पाकिस्तान की कमर पूरी तरह तोड़ डाली। भारत के हवाई और मिसाइल हमलों ने पाकिस्तान के महत्वपूर्ण शहरों के एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया और भारत ने कम से कम पाकिस्तानी एयर फोर्स के 11 ठिकानों पर मौजूद अहम प्रॉपर्टी को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। भारत का सबसे बड़ा हमला रावलपिंडी, जहां पाकिस्तानी सेना का हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) है, उस शहर में किया गया। रावलपिंडी एयरबेस, जो जीएचक्यू से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर है, भारत ने उसे तहस-नहस कर दिया। इस हमले ने पाकिस्तान को डरा दिया। भारत का ये हमला सिर्फ एक स्ट्रैटजिक हमला नहीं था बल्कि पाकिस्तानी सेना को सीधी चुनौती थी। रावलपिंडी पर हमले ने जीएचक्यू की सांसे रोक दी और उसे संदेश मिल गया कि भारत जब चाहे जीएचक्यू को भी खत्म कर सकता है। भारत साफ साफ यह सन्देश देने में सफल रहा कि पंजाब में रहने वाले आतंकवादी भी सुरक्षित नहीं हैं
ऑपरेशन सिंदूर किसी राजनीतिक या प्रतीकात्मक जीत की कहानी नहीं है बल्कि ये कहानी है भारतीय सेना की, जिसने गतिरोधक हथियारों से लेकर इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तक, रीयल टाइम निगरानी से लेकर वायु-रक्षा तक… भारत ने कई तरह की क्षमताएं पेश कीं और पाकिस्तान को कोई मौका नहीं दिया। यही वजह थी कि पाकिस्तान ने युद्धविराम के लिए फोन किया, जो उसके घुटने टेकने की बात को दिखाता है। पंजाब में हमला पाकिस्तानी सेना के दिल पर खंजर उतारने जैसा है, जो उसे चैन से सोने नहीं देगा।
पाकिस्तानी सेना का परमाणु कवच अब मुरीदके, बहावलपुर समेत तमाम एयरबेस में खंडहर बन चुकी इमारतों में ध्वस्त हो चुका है। और सबसे बड़ी बात कि भारत ने खुद को साबित किया है। पाकिस्तान अब जान गया है कि उसका ‘न्यूक्लियर शील्ड’ नाम का भ्रामक हथियार उसके किसी काम का नही।