विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से आयोजित हुई कार्यशाला,
छूटे बच्चों व गर्भवती का किया जायेगा टीकाकरण,
पहला चरण सात मार्च, दूसरा चार अप्रैल व अंतिम चरण दो मई से चलेगा
फर्रुखाबाद । (आवाज न्यूज ब्यूरो) मिशन इन्द्रधनुष अभियान केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है, इन्द्रधनुष के सात रंगों के समान इस मिशन इन्द्रधनुष का मुख्य उद्देश्य नियमित टीकाकरण के दौरान या अन्य किसी कारणवश छूटे शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती का 100 प्रतिशत टीकाकरण करना है | अभियान को मूर्त रूप देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कार्यशाला का आयोजन शहर के एक होटल में किया, जिसमें ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का उन्मुखीकरण किया गया |इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश चंद्रा ने कहा कि अभियान के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये, इस अभियान के साथ कोविड टीकाकरण को भी जारी रखना है |जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. प्रभात वर्मा ने बताया कि जिले में सात मार्च से सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान के प्रथम चरण की शुरुआत होगी। इसके बाद दूसरा चरण चार अप्रैल और तीसरा व अंतिम चरण दो मई से प्रारंभ होगा। इस अभियान के अंतर्गत गर्भवती और दो वर्ष तक के छूटे हुए बच्चों का स्वास्थ्य विभाग की टीम टीकाकरण करेगी। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी , ओवीपी ,पेंटावेलेंट, रोटावायरस , मीजल्स रूबेला , विटामिन ए, डीपीटी बूस्टर डोज , आईपीवी, पीवीसी का टीका एवं गर्भवती को टीडी का टीका लगाया जाएगा ।डॉ वर्मा ने कहा कि टीकाकरण से छूटे ऐसे बच्चे जिनकी आयु दो वर्ष से कम है व ऐसी गर्भवती जो टीकाकरण से छूट गई हैं उनका आशा, एएनएम द्वारा 26 फरवरी तक घर-घर जाकर सर्वे करने के बाद सूची तैयार कर टीकाकरण कराया जाएगा |विश्व स्वास्थ्य संगठन से एसएमओ डॉ जॉन ने बताया कि छोटे बच्चों में बीमारी से लड़ने की क्षमता कम होती है इसलिए सरकार द्वारा नियमित टीकाकरण के द्वारा बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाता है जिससे वह जानलेवा बीमारियों से बचे रहें |यूनिसेफ से डीएमसी राजीव चौहान ने बताया कि लोगों के मन में अभी भी टीकाकरण को लेकर भ्रांतियां हैं जो सही नहीं है | घर के आस पास लगने वाले टीकाकरण सत्र पर जाकर बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण जरुर करायें | इन क्षेत्रों पर रखा जायेगा विशेष ध्यान अभियान के तहत लक्षित जोखिम क्षेत्र , प्रवास के साथ शहरी मलिन बस्तियां, खानाबदोश, ईट भट्टे, निर्माण स्थल, प्रवासी जैसे मछुआरे नदी के किनारे रहने वाले आबादी वाले, कम नियमित टीकाकरण कवरेज वाले क्षेत्र, छूटे हुए नियमित टीकाकरण वाले क्षेत्र शामिल हैं।इस दौरान यूएनडीपी से वीसीसीएम मानव शर्मा, चाई संस्था से शवाब हुसैन रिजवी, सभी सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, प्रतिरक्षण अधिकारी, बीपीएम और विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि मौजूद रहे |