लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी सरकार विधानसभा चुनाव में छुट्टा गोवंश से किसानों के नुकसान की समस्या का अंदाजा होने के बाद इसके समाधान को लेकर नए सिरे से मंथन कर रही है। विधानसभा चुनाव में छुट्टा गोवंश से किसानों की फसलों के नुकसान का मामला जोरशोर से सामने आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनावी रैलियों में इस समस्या के समाधान के लिए आश्वासन देना पड़ा।
चुनाव नतीजे आने के साथ ही पशुपालन विभाग इस समस्या के स्थायी समाधान को लेकर विचार कर रहा है। इसके लिए विभिन्न स्तर पर चर्चा व सुझाव लिए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ व मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में गोवंश संरक्षण के मॉडल की जानकारी ली जा रही है। पशु चिकित्सा संघ ने छुट्टा गोवंश की समस्या के समाधान के लिए कई अहम सुझाव दिए हैं। संघ के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भेजा गया है। इसमें सुझावों पर विचार कर आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया गया है।
ये हैं महत्वपूर्ण सुझाव
- निराश्रित गोवंश की संख्या पर नियंत्रण के लिए गोवंश में ‘सेक्सड सीमेन’ के उपयोग को निःशुल्क किया जाए।
- गोवंश के गोबर व गोमूत्र की व्यवसायिक उत्पादों के रूप बिक्री हो। इसके लिए सहकारी समितियों के नेटवर्क का उपयोग किया जाए।
- हर ब्लॉक में एक आर्गेनिक विलेज स्थापित हो। वहां केवल गोबर, गोमूत्र आधारित खाद और पेस्टिसाइड उपयोग हो।
- स्वदेशी गाय को राजकीय विरासत पशु घोषित किया जाए।
- घरों में गाय पालने वालों को स्वदेशी गोवंश रक्षक के रूप में मासिक वित्तीय सहायता दी जाए। गोबर व गोमूत्र की खरीद कर उन्हें स्वावलंबी बनाया जाए।
- वर्मी कंपोस्ट को सब्सिडी देकर यूरिया, डीएपी के साथ 10 फीसदी उपयोग की अनिवार्यता की जाए। इसे राज्य नीति में शामिल किया जाए।
- प्रधानमंत्री के गोवर्धन मॉडल को लागू करते हुए गोबर से बायो सीएनजी के उत्पादन व सिलिंडर में पैकिंग कर विपणन के लिए ऊर्जा विभाग को निर्देशित किया जाए।
- बछड़ा पैदा करने वाले सीमेन स्ट्रॉ के उपयोग को रोका जाए, इसके लिए ब्रीडिंग एक्ट बनाया जाए।
- गोवंश की सही संख्या के लिए रीफेड चिप का उपयोग अनिवार्य किया जाए।