सपा में विधान परिषद चुनाव की सरगर्मी हुई तेज
लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी विधानसभा चुनाव हारने के बाद सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव को दोबारा सत्ता में लौटने के लिए एक बार फिर पांच साल का इंतजार करना होगा। इसी बीच सपा सुप्रीमों ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को हार पर सार्वजनिक रूप से बयानबाजी ना करने की नसीहत दी है। जिस को लेकर सोमवार देर शाम समाजवादी पार्टी के ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट भी किया गया है। जिसमें सपा सुप्रीमो की ईमेल आईडी दी गई है और कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि चुनाव को लेकर सभी सुझाव मेल करें। ट्वीट में कहा गया है कि ‘सपा के सभी कार्यकर्ताओं, नेताओं को निर्देशित किया जाता है कि विधानसभा चुनाव परिणाम संबंधी संगठन हेतु यदि कोई सुझाव हो तो उन्हें सपा सुप्रीमो के ईमेल yadavakhilesh@gmail.com पर मेल करें। बीजेपी आईटी सेल की अफवाह में न फंसे। सतर्क और सकारात्मक रहें, भाषा संयमित रखें।
बता दें कि यूपी में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब एमएलसी चुनावों की कवायद तेज हो गई है। इसी क्रम में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सोमवार को विधान परिषद चुनाव के लिए टिकट तय करने को मैराथन बैठक की। उनसे फीडबैक लिया गया। उन्होंने संबंधित जिलों वाली सीटों पर टिकट मांग रहे दावेदारों से बात की है। सपा के सामने ज्यादा से ज्यादा सीट बचाए रखने की चुनौती है। पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है। वर्तमान में विधान परिषद में सपा की 48 सीटें हैं। हालांकि सपा के कई विधान परिषद सदस्य बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। इसलिए नए चेहरों को मौका मिलने की काफी गुंजाइश है। इस चुनाव में ग्राम प्रधान, बीडीसी, डीडीसी, जिला पंचायत अध्यक्ष, निकायों के सभासद,विधायक और सांसद वोट डालते हैं। सपा जल्द प्रत्याशी घोषित करेगी।