पियूष हत्याकांड: सीसीटीवी में कैद हुए पियूष हत्याकांड के आरोपी,घायल माता-पिता की हालत नाजुक, हायर सेंटर रिफर
पियूष हत्याकांड: थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज सहित 11 के खिलाफ तहरीर
फर्रुखाबाद।(आवाज न्यूज ब्यूरो) 5 डिसमिल भूमि के विवाद में युवक की गला काटकर हत्या कर दी गयी। युवक के माँ-बाप ने बचाने का प्रयास किया तो उनको गोली मारकर घायल कर दिया गया। जिसके बाद आरोपी फरार हो गये। घायलों को उपचार के लिए लोहिया अस्पताल भेजा गया,जहां हालत नाजुक होने पर हायर सेंटर रिफर कर दिया गया गया। वहीं थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज सहित 11 के खिलाफ तहरीर दी गई।
अमृतपुर थाना क्षेत्र के कस्बा निवासी दिनेश कुमार का गाँव के ही रामबाबू के साथ 5 डिसमिल भूमि के विवाद में न्यायालय में विवाद चल रहा था। जिसमें रामबाबू के पक्ष के गिरफ्तारी वारंट कोर्ट ने जारी किये थे। वारंट जारी होने से आरोपी रामबाबू और उनके परिजन आक्रोशित हो गये। शनिवार को सुबह रामबाबू और उसके परिजन दिनेश के घर में दाखिल हुए उन्होंने दिनेश के पुत्र 23 वर्षीय पियूष को दबोच लिया। पहले उसके साथ मारपीट की। उसके बाद उसे पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट कर हाथ पैर बांध दिये। पियूष की बहन गुड़िया ने बताया कि आरोपियों ने विवादित भूमि पर लाकर पहले पियूष के साथ मारपीट की उसके बाद उनका गला धारदार हथियार से काट दिया व गोली मारकर हत्या कर दी। जिससे पियूष की मौके पर ही मौत हो गयी। बेटे को बचाने के लिए दौड़े दिनेश और उनकी पत्नी मीरादेवी के आरोपियों ने गोली मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गयीं। दोनों घायलों को सीएचसी राजेपुर भेजा गया, जहाँ से उन्हें लोहिया अस्पताल रिफर कर दिया गया। सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा, अपर पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप, सीओ सिटी प्रदीप सिंह, थानाध्यक्ष अमृतपुर सुनील परीहार, थानाध्यक्ष राजेपुर दिनेश गौतम आदि मौके पर आ गये। आरोपी मौके से फरार हो गये। पुलिस ने छानबीन की। मृतक पियूष लेखपाल की परीक्षा पास कर चुका था। घटना के बाद गाँव में सन्नाटा पसर गया। घटना होने के पीछे पुलिस की बड़ी लापरवाही बतायी जा रही है। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया जायेगा। युवक की गोली मारकर हत्या की गयी है। मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की जायेगी। साथ ही अपर पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप को जाँच दी गयी है। यदि कोई पुलिस कर्मी की लारवाही सामने होगी तो एएसपी की रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही की जायेगी।
पियूष हत्याकांड के आरोपियों के द्वारा युवक की गला रेतकर हत्या और उनके माँ-बाप को गोली मारने के दौरान आरोपियों सीसी टीवी कैमरे में कैद हो गये, जिसमे वह हथियारों के साथ फायरिंग करते दिख रहे हैं। घटना के दौरान पुलिस ने पास में ही लगे एक मकान के सीसीटीवी कैमरे तलाशे तो उनमें आरोपी घटना को अंजाम देते नजर आये। आरोपियों के हाथों में कई हथियार दिख रहे हैं, जिसमें वह कई बार फायरिंग करते भी नजर आ रहें हैं। हत्याकांड में पुलिस के ऊपर भी सबालिया निशान उठ रहें है। जब पुलिस को पूरी घटना की जानकारी थी तो फिर आरोपियों पर पहले से ही शिंकजा क्यों नही कसा गया। स्थानीय अधिसूचना इकाई को भी भनक नही लगी कि दोनों पक्षों में क्या उबाल चल रहा है, लेकिन घटना के बाद पुलिस पर सबालिया निशान उठ रहें है? पियूष हत्याकांड में घायल मृतक के माँ-बाप को लोहिया अस्पताल भर्ती कराया गया, लेकिन उन्हें हालत गंभीर होनें पर सैफई रिफर कर दिया गया।
पियूष हत्याकांड में मृतक के भाई ने थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज सहित 11 लोगों के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस ने कुछ चार महिलाओं को हिरासत में ले लिया है, जबकि थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज सहित अन्य पुलिस कर्मियों पर गाज गिरना तय मानी जा रही है। लेकिन पुलिस अपने साथियों को बचाने के लिए कागजी बाजीगरी चल रही है। पुलिस ने उसके बाद दूसरी तहरीर लिखवा ली, जिससे थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज का नाम हटा दिया गया।
मृतक पियूष के भाई अनुभव अवस्थी ने पुलिस को तहरीर दी। जिसमंे कहा कि उनका गाँव के ही रामबाबू उर्फ बड़े लल्ला, अरुण उर्फ नन्हे लल्ला, विपिन, विनोद पुत्र राजेन्द्र व अंकित, अनमोल पुत्र रामबाबू, अक्षय पुत्र अरुण उर्फ नन्हे लल्ला से उसके परिवार से रंजिश चल रही थी। सुबह तकरीबन 7 बजे रामबाबू, अरुण, विनोद व अंकित व अनमोल पुत्र रामबाबू, प्रीती पत्नी अरुण, सीमा पत्नी रामबाबू, अल्का पत्नी विपिन, मुस्कान पुत्री रामबाबू अक्षय पुत्र अरुण आदि आ गये। सभी के पास नाजायज हथियार और लाठी डंडो से लैस थे। पियूष का जबरन अपहरण कर लिया और अपने घर ले जाकर गला काटकर हत्या कर दी और बचाने गये माँ मीरादेवी व पिता दिनेश को भी गोली मार दी। जमकर अंधाधुंध फायरिंग की। तहरीर में आरोप लगाया गया है कि थानाध्यक्ष सुनील परिहार व चौकी इंचार्ज सुनील यादव भी घटना में संलिप्त हैं। तहरीर पर थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज का नाम आने के कुछ देर बाद तहरीर बदलवायी गयी। जिसमें से थानाध्यक्ष व चौकी इंचार्ज का नाम हटवा दिया गया। मृतक के भाई अनुभव ने बताया कि उसका भाई आईएएस की कोचिंग कर रहा था, लेकिन उसकी हत्या करके परिजनों के सपनों का कत्ल किया गया है।
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