नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने का दावा बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच शिवलिंग को लेकर टिप्पणी करने के मामले में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की मुसीबत बढ़ती दिख रही है। ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे पर टिप्पणी करने वाले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर दिल्ली के वकील ने शिकायत दर्ज कराई है और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना से अखिलेश यादव की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की है। विनीत जिंदल ने अपनी शिकायत में अखिलेश यादव पर आरोप लगाया है कि मुस्लिम वोट बैंक की खातिर उन्होंने हिंदुओं की भावना का अनादर किया है। बता दें कि बीते दिनों अयोध्या में अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी मामले पर कहा था कि हिंदू धर्म में किसी भी पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख दो, लाल झंडा लगा दो बस बन गया मंदिर।
दरअसल सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने बुधवार को रामनगरी अयोध्या में हिंदू आस्था को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया था। वाराणसी के ज्ञानवापी सर्वे पर पूछे गए सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा था कि हिंदू धर्म में कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदिर बन गया। अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके, उन्होंने इशारों ही इशारों में बाबरी मस्जिद की भी याद दिलाई और कहा कि एक समय था जब रात के समय मूर्तियां रख दी गई थीं। हालांकि बीजेपी ने अखिलेश के इस बयान पर हमला बोला था और इसे समाजवादी पार्टी की तुष्टिकरण की राजनीति बताया था।
बीते दिनों सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ज्ञानवापी प्रकरण को मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करार दिया था और वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद पर कहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद बहुत पुरानी है। ये भाजपा द्वारा जानबूझकर की जा रही साजिश है। भाजपा के अदृश्य सहयोगी जो समय-समय पर बाहर निकल कर आते है और जानबूझकर नफरत के बीज बोते हैं। उन्होंने कहा था कि जहां तक अदालत का सवाल है तो इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी और दूसरे फैसलों में भी कहा गया है कि पुरानी चीजों को नहीं उठाया जा सकता है, बावजूद इसके भाजपा हिंदू-मुस्लिम लोगों के बीच नफरत फैली रहे, इसके लिए ये मुद्दे उठा रही है। भाजपा नहीं चाहती कि बुनियादी सवालों पर चर्चा हो।
बताते चलें कि दिल्ली निवासी राखी सिंह और वाराणसी की रहने वाली पांच अन्य महिलाओं की याचिका पर वाराणसी की स्थानीय अदालत ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर में वीडियोग्राफी-सर्वे के आदेश दिये थे। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अदालत के इस फैसले को पूजास्थलों संबंधी 1991 के कानून का उल्लंघन करार दिया है। बहरहाल, यह सर्वे सोमवार को संपन्न हुआ। हिंदू पक्ष ने मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया है, जिसे मुस्लिम पक्ष ने यह कहते हुए खारिज किया है कि जिसे शिवलिंग कहा जा रहा है वह वजूखाने के फौव्वारे का हिस्सा है।
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