कन्नौज बार भी मैदान में कूदी, अब हंगामा तय
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) तिर्वा की एसडीएम गरिमा सिंह के स्थानांतरण की मांग पर अड़े अधिवक्ताओं ने अब कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। सोमवार से तीनों तहसीलों में न सिर्फ हड़ताल शुरू कर दी वरन जोरदार प्रदर्शन और हंगामे के बीच ज्ञापन भी सौंपे गए। खास बात यह है कि कन्नौज बार एसोसिएशन भी अब समर्थन में कूद गई है। अपने अध्यक्ष शिव कुमार सिंह के नेतृत्व में 8 सदस्यीय एक प्रतिनिधि मंडल ने आज डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ला से भेंट की और शालीन किंतु दृढ़ स्वर में उन्हें आज शाम तक का समय दिया और कहा कि यदि शाम तक समस्या का हल न निकल पाया तो गुरुबार को जिले के अधिवक्ता एक जुट होकर कलेक्ट्रट में डेरा डाल देंगे।
बार और बेंच के बीच सामान्य से शिष्टाचार व्यवहार को लेकर शुरू हुई यह समस्या इतनी न गहराई होती अगर वक्त रहते इसका निदान कर लिया गया होता। बातचीत से रास्ता निकालने की बजाय आला अफसरों ने मंगलवार को तिर्वा तहसील परिसर को छावनी में तब्दील कर एक कड़ा संदेश देने की कोशिश की तो अधिवक्ता और भड़क गए।
प्रशासन भले ही खुले मन से स्वीकार न करे लेकिन यह एक कड़वा सच है कि इस हड़ताल को सत्तारूढ़ राजनेताओं का खुला समर्थन हासिल है यह और बात है कि निहित स्वार्थों के चलते यह नेता पर्दे के पीछे है।
लगभग अलग थलग पड़ गयी एसडीएम गरिमा सिंह मौके की नजाकत देख अवकाश पर जाना चाहा तो डीएम ने उनका अवकाश आवेदन निरस्त कर यह रास्ता भी बंद कर दिया। अधिवक्ता जानते है कि समय भले ही लगे किंतु जीत उन्ही की होगी क्योंकि तारीख गवाह है कि जिले में जब भी इस तरह के आंदोलन हुए प्रशासन को ही हर बार मुह की खानी पड़ी है यहां तक कि एक बार तो अधिवक्ता आंदोलन तत्कालीन मंडलायुक्त की भी बलि ले चुका है।
बहरहाल अधिवक्ताओं की मांग है कि जब तक एसडीएम का स्थानांतरण नहीं होगा, उनकी हड़ताल खत्म नहीं होगी।
तिर्वा तहसील में अधिवक्ताओं की हड़ताल का आज तीसरा दिन था। अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार ने बताया कि एसडीएम गरिमा सिंह अधिवक्ताओं से अभद्रता करती हैं। इससे बीते छह दिनों से अधिवक्ताओं में आक्रोश है। हड़ताल कर अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर में एसडीएम के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं काम-काज न होने से वादकारियों को परेशान होकर लौटना पड़ा। वहीं, एसडीएम गरिमा सिंह का कहना है कि उन्होंने किसी से अभद्रता नहीं की है। कुछ अधिवक्ता मामले को जबरदस्ती तूल दे रहे हैं।