कन्नौज : समाधान दिवस में डीएम के पहुंचते ही वकीलों ने किया जोरदार विरोध प्रदर्शन

गरिमा सिंह को हटाने पर अड़े अधिवक्ताओं का विरोध प्रदर्शन जारी

बृजेश चतुर्वेदी

तिर्वा।(आवाज न्यूज ब्यूरो) तहसील समाधान दिवस में भाग लेने आये जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ला को अधिवक्ताओं के तीखे रोष का शिकार होना पड़ा। जैसे ही डीएम के काफिले ने तहसील परिसर में प्रवेश किया तो पहले से ही आंदोलित अधिवक्ताओं ने घूम घूम कर ‘डीएम वापस जाओ वापस जाओ’ गरिमा सिंह हाय हाय, गरिमा सिंह हटाओ, अधिवक्ता एकता जिंदाबाद के गगनभेदी नारे लगाने शुरू कर दिए।

जिलाधिकारी ने समझदारी का परिचय देते हुए कार्यवाहक उप जिलाधिकारी देवेश कुमार गुप्ता के माध्यम से वकीलों को संदेश भिजवाया कि वे समाधान दिवस में वाधा न डाले, समाधान दिवस सम्पन्न होने के बाद डीएम खुद उनसे वार्ता करेंगे।

अधिवक्ताओं ने यह बात मान ली और वे शांत होकर धरने पर बैठ गए। डीएम के बुलावे पर उनसे मिलने गए प्रतिनिधि मंडल ने फिर अपनी एक सूत्रीय मांग दोहराई और कहा कि एसडीएम प्रशासनिक गरिमा सिंह के हटने तक अधिवक्ता काम काज नही करेंगे। डीएम ने बार बार कहा कि उन्हें थोड़ा समय चाहिए अधिवक्ता गरिमा सिंह के अलावा अन्य अदालतों में कामकाज शुरू करें। डीएम ने यह भी आश्वासन दिया कि वे जो भी निर्णय लेंगे उससे सभी पक्ष सन्तुष्ट होंगे किंतु अधिवक्ता फिर भी नही माने और आपस मे सलाह मशविरा करने का बहाना बनाकर बाहर निकल आये। 

एडवोकेट परमानन्द तिवारी, सुधीर यादव, संजय शुक्ला आदि ने इस संवाददाता से कहा कि सोमवार को अधिवकता संगठनों की संयुक्त बैठक में विचार विमर्श के बाद ही इस विंदु पर निर्णय होगा लेकिन इतना अभी से तय है कि गरिमा सिंह यदि वापस आती है तो उनका विरोध और खुला बहिष्कार जारी रहेगा।

अधिवक्ताओं का कहना था कि देवेश कुमार गुप्ता अथवा छिबरामऊ के उपजिलाधिकारी न्यायिक राकेश कुमार त्यागी की तैनाती में कोई भी अड़चन नही है और दोनों तिर्वा को पूरी तरह स्वीकार्य हैं। जिलाधिकारी की समस्या यह है कि यदि वे इस अवसर पर किसी नवीन तैनाती का निर्णय लेते है तो यही संदेश जाएगा कि अधिवक्ता आंदोलन के दबाव में एसडीएम हटा दी गयी। अधिवक्ता इसे इसी रूप में प्रचारित करेंगे और प्रशासनिक दृष्टिकोण से इस ध्वनि को उचित नही ठहराया जा सकता। ऐसे में गरिमा सिंह का अवकाश बढ़ा लेना और देवेश गुप्ता का उनकी वापसी तक कामकाज देखना ही एक मात्र विकल्प है जो जिलाधिकारी ने आज़माया। किंतु गरिमा सिंह को तिर्वा से हटाने पर अड़े अधिवक्ता उनके तबादले से कम पर राजी नही है।

रविवार को गरिमा की अवकाश से वापसी होनी है और उनके लौटते ही देवेश गुप्ता के कामकाज देखने का आदेश भी स्वतः निष्प्रभावी हो जाएगा। सोमवार को तहसील खुलते ही समस्या जस की तस मुह बाए खड़ी होगी। देखना होगा कि डीएम सोमवार को क्या कदम उठाते है।

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