23 सैंपल ट्रांसपोर्टर के हवाले होगी बलगम एकत्र करने की जिम्मेदारी
बलगम कलेक्शन के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण
फर्रुखाबाद।(आवाज न्यूज ब्यूरो) टीबी मरीजों की जाँच में तेजी लाने के लिए सरकार की तरफ से एक नई पहल की गयी है। इसके तहत आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से निकटतम परीक्षण केंद्र तक सैम्पल पहुंचाने के लिए सैम्पल ट्रांसपोर्टर की मानदेय के आधार पर तैनाती की जाएगी। इससे बलगम कलेक्शन के बाद जाँच रिपोर्ट जल्दी से जल्दी आने की राह आसान बन सकेगी। इसी को लेकर शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को बलगम एकत्र और रखरखाव को लेकर प्रशिक्षण दिया गया l
सीएमओ डॉ अवनीन्द्र कुमार ने बताया कि अब घर के नजदीक ही संभावित टीबी मरीजों के बलगम कलेक्शन की व्यवस्था आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर की गई है। इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर पर तैनात सी एच ओ को प्रशिक्षण दिया गया जिससे समय पर बलगम एकत्र कर उसको उसी दिन नजदीक के टीबी जांच केंद्र पर भेजा जाएगा जिससे उसकी जल्द जांच हो सकेगी और टीबी रोगी को जल्द इलाज मिल सकेगा l जिससे टीबी संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकेगा l
सीएमओ ने बताया कि दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आने, बुखार बना रहने, वजन गिरने, खांसते समय खून आने जैसी समस्या हो तो तत्काल नजदीकी सेंटर पर सम्पर्क करें, क्योंकि यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ रंजन गौतम ने बताया की सैम्पल को जल्द निकटतम परीक्षण केंद्र तक पहुंचाने की भी व्यवस्था अब कर दी गयी है। इसके लिए रूट चार्ट और माइक्रो प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके तहत एक सैम्पल ट्रांसपोर्टर को चार से सात हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से सैम्पल ट्रांसपोर्टेशन की जिम्मेदारी दी जाएगी।
जिला कार्यक्रम समन्वयक सौरभ तिवारी ने बताया कि जनपद के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए 23 सैम्पल ट्रांसपोर्टर को मानदेय के आधार रखे जाने की योजना है। इसके लिए सेंटर पर तैनात कम्युनिटी हेल्थ आफीसर को दो चरणों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है । सैम्पल पैकिंग जाँच केंद्र भेजने और रिपोर्ट को निक्षय पोर्टल पर समय से अपडेट करने की जिम्मेदारी सीएचओ की होगी।
सौरभ ने बताया कि सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत करते हुए उनकी आईडी बना दी गयी है। सीएचओ किसी भी तरह की समस्या आने पर सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर व अन्य द्वारा मदद प्राप्त कर सकते हैं।
साथ ही बताया की जिले में करीब 1592 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। क्षय रोगियों को इलाज के दौरान हर माह 500 रुपए पोषण भत्ता भी मिलता है ।
इस दौरान टीबी एचआईवी अमित कुमार, हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर के सी एच ओ मौजूद रहे l