लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में रिकार्ड 33.50 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव और 94 लाख लोगों को रोजगार का वादा कर सरकार ने प्रदेश का माहौल बदलने का प्रयास किया है। समिट के आयोजन से जहां शहर की रंगत बदली है। वहीं शूद्र व पिछड़े की राजनीति से गरमाया माहौल भी निवेश और रोजगार की फिजा में बदला है। लेकिन, इस माहौल को लोकसभा चुनाव तक बरकरार रखना किसी चुनौती से कम नहीं है।
प्रदेश सरकार ने जीआईएस की तैयारी शुरू करने के साथ ही 11.25 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा था। 16 देशों के 21 शहरों में हुए रोड शो में 7.12 लाख करोड़ रुपये के निवेश एमओयू साइन होने के बाद सरकार का उत्साह बढ़ा। सरकार ने लक्ष्य को बढ़ाकर 17.13 लाख करोड़ रुपये किया। समिट के समापन पर रविवार तक 33.50 लाख करोड़ रुपये निवेश के एमओयू साइन हुए हैं। यह राशि शुरुआती निवेश लक्ष्य से तीन गुना और उसके बाद संशोधित लक्ष्य से करीब-करीब दोगुना है।
देश-विदेश के 15 हजार से अधिक निवेशकों और उद्यमियों से इतने बड़े निवेश का अनुबंध साइन होने और उससे करीब-करीब एक करोड़ युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद से माहौल बदला है। हर कहीं समिट के जरिये यूपी में होने वाले निवेश और उससे होने वाले विकास और रोजगार सृजन की चर्चा हो रही है।
प्रदेश के एमएसएमई उद्यमियों से लेकर छोटे दुकानदारों, परंपरागत उद्योगों से जुड़े कारीगरों और हस्त शिल्पियों, कुशल और अकुशल श्रमिकों में भी आगामी दिनों में रोजगार की उम्मीद बढ़ी है। प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार तक युवा आबादी को साधने का प्रयास कर रही है, इस समिट ने सबसे ज्यादा उम्मीद की किरण उसी युवा वर्ग में जगाई है। चर्चा शुरू हो गई है कि समिट के आयोजन की तर्ज पर एमओयू को धरातल पर उतारने में भी सरकार सफल रही तो, प्रदेश में तेज विकास नजर आएगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन भी उसके नाम के अनुसार वैश्विक ही हुआ। यूपी में इतने बड़े स्तर पर समिट का आयोजन आसान नहीं था। प्रदेश सरकार के साथ देश-दुनिया के विभिन्न व्यापारिक, औद्योगिक संगठनों ने बीते छह महीने से इस समिट के आयोजन में ताकत झोंकी।
समिट में भारत के मित्र देशों का भी पूरा सहयोग और समर्थन मिला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सरकार के मंत्रियों, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा, आईआईडीसी अरविंद कुमार, इन्वेस्ट यूपी के सीईओ अभिषेक प्रकाश और एसीईओ प्रथमेश कुमार की टीम के प्रयास से यह संभव हुआ।
इन्वेस्टर्स समिट 2018 में 4.68 लाख करोड़ के एमओयू में से सरकार ने 75 फीसदी से अधिक एमओयू धरातल पर उतर जाने का दावा किया है। इसे पहली ग्लोबल समिट की बड़ी सफलता के रूप में गिनाया जा रहा है। अब सरकार के समक्ष 33.50 लाख करोड़ के एमओयू को धरातल पर उतारना है।
इसमें निवेशकों को आवश्यकता के अनुसार भूमि उपलब्ध कराना, निवेशकों को निवेश स्थापित करने के लिए बैंकों से ऋण दिलाना, निवेशकों की आवश्यकता और अपेक्षा के अनुरूप भू उपयोग परिवर्तन कराना और घर बैठे सभी तरह के इंसेंटिव दिलाना किसी चुनौती से कम न होगा।
