लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) जालसाज संजय राय शेरपुरिया ने आयकर अधिकारियों का नाम लेकर नोएडा के एक उद्योगपति को भी ठगा था। वह उद्योगपति के खिलाफ चल रही आयकर जांच को खत्म कराने के लिए करोड़ों रुपये की डील कर चुका था। जांच एजेंसियां पता लगा रही हैं कि उद्योगपति ने शेरपुरिया को कितनी रकम दी थी और शेरपुरिया किन आयकर अधिकारियों के संपर्क में था।
आयकर विभाग ने बीते दिनों नोएडा के एक उद्योगपति के ठिकानों पर छापा मारा था। करीब सात दिन तक चले छापों के दौरान एक हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी के सुराग मिला था। आयकर विभाग के शिकंजे से बचने के लिए उद्योगपति ने एक मध्यस्थ के जरिए शेरपुरिया से संपर्क साधा था। शेरपुरिया ने खुद को आयकर विभाग के बड़े अधिकारियों का करीबी बताकर उसे जांच खत्म करने का भरोसा दिलाया। इस पर उद्योगपति उसे बड़ी रकम देने को तैयार हो गया था। इसी बीच एसटीएफ ने नोएडा से शेरपुरिया के एजेंट कासिफ को गिरफ्तार किया तो उसका पूरा भांडा फूट गया। इसके बाद शेरपुरिया भी एसटीएफ के हाथ लग गया। दोनों से पूछताछ में नोएडा के उद्योगपति को ठगने की जानकारी मिली। एसटीएफ मामले की जांच कर रही है।
उधर ईडी ने संजय राय शेरपुरिया के एनजीओ यूथ रूरल इंटरप्रेन्योर फाउंडेशन के एडवाइजरी बोर्ड में शामिल लोगों की जांच भी शुरू कर दी है। इस बोर्ड में कई रिटायर्ड अधिकारी भी शामिल हैं, जिनका कई विभागों में काफी दबदबा था। शेरपुरिया से शुक्रवार को विभूति खंड थाने में ईडी ने पूछताछ की है। सूत्रों की मानें तो नई दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय और लखनऊ जोनल ऑफिस के अधिकारियों ने करीब चार घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान तमाम राजनेताओं, उद्योगपतियों आदि से उसके संबंधों, एनजीओ में आई रकम, राइडिंग क्लब पर कब्जे और गुजरात में उसकी कंपनियों के बारे में तमाम सवाल किए गए।
जालसाज शेरपुरिया को ईडी भी रिमांड पर लेने की तैयारी कर रहा है। यूपी एसटीएफ की रिमांड की अवधि आगामी आठ मई को समाप्त हो रही है। इसके बाद ईडी भी उसके खिलाफ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग के केस में रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगा। शेरपुरिया की पत्नी की तलाश की जा रही है। कई कंपनियों में उसकी पत्नी भी अहम पदों पर तैनात रह चुकी है। दिल्ली के राइडिंग क्लब स्थित शेरपुरिया के घर से ईडी को तमाम अहम सुराग हाथ लगे थे। गत एक मई को दिल्ली, गाजीपुर, बनारस और लखनऊ के उसके ठिकानों पर छापे मारे गए थे। राइडिंग क्लब स्थित उसके आवास से कुछ ऐसे दस्तावेज और जानकारियां जांच एजेंसी को मिली हैं, जिससे कई सफेदपोश लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। फिलहाल अधिकारी बरामदगी के बारे में सूचनाएं साझा नहीं कर रहे हैं।