नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) डॉ. उदित राज, राष्ट्रीय चेयरमैन, असंगठित कामगार एवं कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी), के नेतृत्व में सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता आज तीसरी बार जन्तर-मन्तर, नई दिल्ली पर महिला पहलवानों के शोषण के विरुद्ध जारी आंदोलन को सहयोग करने हेतु पहुचें। इसके पहले 25 अप्रैल और 2 मई को भी इनके समर्थन में सैकड़ों साथियों के साथ आए थे। भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर देश के महिला पहलवान गत 24 दिनों से यहां धरना दे रहे हैं।
धरने को संबोधित करते हुए डॉ. उदित राज जी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने टेक्निकल एविडेन्स या चश्मदीद नहीं मिलने का बहाना करके भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है। इनके खिलाफ एक प्राथमिकी एक नाबालिक महिला खिलाड़ी के यौन उत्पीड़न के खिलाफ (यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत) दर्ज की गई है और दूसरी प्राथमिकी शिकायतकर्ताओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में दर्ज की गई है। ऐसे संगीन आरोपों पर इन्हें प्रथिमिकी दर्ज होने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। सभी जानते हैं कि इस तरह के अपराध चश्मदीद की मौजूदगी में कोई भी अपराधी नहीं करता। 2014 में भाजपा ‘बहुत हुआ महिलाओं पर वार – आबकी बार मोदी सरकार’ का नारा लगाते हुए सत्ता में आई थी लेकिन इनकी सरकार में जब देश के लिए मेडल लाने वाली महिला ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम महिलाओं की स्थिति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं हैं। सबसे ज्यादा महिलाओं के शोषण का आरोप भाजपा नेताओं पर ही है, लेकिन मोदी जी और भाजपा इन्हें बचाने के प्रयास में लगे रहते हैं। हाल ही में हरियाणा के खेल मंत्री – संदीप सिंह के खिलाफ भी महिला कोच पर छेड़छाड़ का आरोप लगा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता – कैलाश विजयवर्गीय ने हाल ही में महिलाओं के कपड़ों और मेकअप को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था, जिससे भाजपा की महिलाओं के प्रति संकीर्ण मानसिकता का पता चलता है।
उन्होंने धरने को संबोधित करते हुए आगे कहा कि भाजपा महिला पहलवानों के आंदोलन को जातिवादी आंदोलन बनाना चाहती है, लेकिन यह आंदोलन महिलाओं के सम्मान का आंदोलन है, जब तक आपकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक धरने से उठना नहीं है। जब बीजेपी को वोट लेना होता है तो एससी, एसटी, ओबीसी, महिला हिंदू हो जाते हैं लेकिन जब न्याय और सत्ता में भागीदारी देना हो तो वह जाति देखने लगते हैं।
धरने को अन्य प्रमुख नेताओं, जैसे विनोद पवार, प्रबल प्रताप सिंह, कर्नल बिजेंदर सिंह खोखर, चंद्रभान, अतर सिंह, तनवीर तंवर, हरपाल सिंह बुडानिया, पंकज कपूर, तजुद्दीन अंसारी , जावेद, संजय परमार सैनी, कंचन मिश्रा, बाबूलाल, वाहिद बाबा,अमृत गिल , खुशबू श्रीवास्तव, हरपाल सिंह ,कनिज फातिमा,कंवलजीत गिल, थानेवर दयाल,शैलेंद्र चौहान, किरोड़ी मल्ल प्रजापति,हरिदास पांडेय वाल्मिकि,संजय चौहान,सुजीत सिंह,संजीदा मलिक, सज्जन इंदाछोई, मंगल सिंह,ने भी संबोधित किया।