फर्रुखाबाद।(आवाज न्यूज ब्यूरो) मोदी सरकार के बैंको के निजीकरण के फैसले के खिलाफ बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को आक्रोशित बैंक कर्मियों नें मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और निजीकरण पर विरोध जताया। बैंको की दो दिन की हड़ताल में करीब 200 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ।
आज हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को भी बैंक कर्मी युनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के बैनर तले फतेहगढ़ के बैंक ऑफ इंडिया के बाहर संगठन मंत्री केदार शाह के नेतृत्व में एकत्रित हुए। उन्होंनें कहा कि सरकारी बैंकों में सरकार जनता के धन की सुरक्षा की गारंटी लेती है, लेकिन प्राइवेट होने पर शाखाओं में कमी होगी। इससे आम जनता को बैंकिग सुविधाएं कम मिलेंगी। निजीकरण से बैंकों के दरवाजे धीरे-धीरे आम आदमी के लिए बंद होते चले जाएंगे। अभी सरकार सेंट्रल बैंक आफ इंडिया व इंडियन ओवरसीज बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव ला रही है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नही किया जायेगा। करीब 30 करोड़ की चेकों का संसोधन नही हो सका। वहीं लगभग दो दिन में 200 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ। इस अवसर पर मयंक सक्सेना, दीपक राज, मुनेद्र कुमार, प्रतीक मिश्रा, सूबेदार वाथम, विक्रम सिंह, आशुतोष वर्मा, अजय तिवारी, निखिल मिश्रा आदि मौजूद रहे।
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