कन्नौज : विधिक सेवा प्राधिकरण का प्रयास,  स्वावलंबी बने  हर महिला बंदी

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लवली जायसवाल द्वारा आज जिला कारागार  का निरीक्षण किया गया एवं निरीक्षण के उपरान्त कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत महिला बंदीयो को अत्मनिर्भर बनाये जाने के उद्देश्य से व्यूटीशियन कोर्स के 30 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया एवं प्ली बारगेनिंग के सम्बन्ध में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। श्रीमती जायसवाल द्वारा जिला कारागार में निरूद्ध बंदियों से उनके खानपान, चिकित्सा एवं उनके मुकदमों में पैरवी हेतु अधिवक्ताओं के संबंध में जानकारी ली गयी तथा उनकी समस्याओं को सुना गया एवं उनके निराकरण हेतु जेलर एवं जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया।

सचिव श्रीमती लवली जायसवाल द्वारा निरीक्षण दौरान जेल अधीक्षक / जेलर द्वारा बताया गया कि वर्तमान समय में जिला कारागार में कुल 772 बंदी है जिसमें 707 पुरुष, 38 महिलाये, 03 बच्चे एवं 18 वर्ष से 21 वर्ष तक के कुल 27 बंदी है। सचिव द्वारा जिला कारागार कन्नौज में संचालित अस्पताल बैरक का निरीक्षण किया गया निरीक्षण दौरान अस्पताल में कुल 18 बन्दी भर्ती पाये गये जिनमें से 02 बंदी टी0वी0 के मरीज पाये गये जिनकी उचित देखभाल, दवाई व पोष्टिक भोजन दिये जाने हेतु व अस्पताल की साफ सफाई कराये जाने के सम्बन्ध में जेल अधीक्षक / जेलर को निर्देशित किया गया है। बैरक संख्या 2 के बाथरूम अत्यन्त गंदा पाये जाने पर तत्काल उसकी साफ सफाई किये जाने एवं निजी स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए उक्त बैरक में निरूद्ध बंदियों से हमेशा ही बाथरूम को साफ रखने की हिदायत दी गयी। सचिव द्वारा जेल में पाकशाल का निरीक्षण दौरान जेल में निरुद्ध बंदियों का शाम का भोजन बनाया जा रहा था तथा जेलर द्वारा बताया गया कि बंदियों को प्रतिदिन भोजन मैनू की अनुसार पोष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है एवं किसी भी बंदी द्वारा खान पान के सम्बन्ध में कोई शिकायत नहीं की गयी।

जेल में निरूद्ध निराक्षण बंदियों को साक्षर बनाये जाने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव के प्रयास से बेसिक शिक्षा विभाग से एक अध्यापक श्री मनोज कटियार की तैनाती जेल में की गयी है जो कि निरीक्षण के दौरान अध्यापन का कार्य करते हुए पाये गये।

सचिव द्वारा लीगल एड प्राप्त करने वाले विचाराधीन बंदीयो के रजिस्टर, लीगल एड क्लीनिक के रजिस्टर एवं लीगल एण्ड क्लीनिक में कार्यरत पराविधिक स्वयं सेवक राम कुमार गुप्ता को जिला कारागार में निरूद्ध बंदियों को विधिक सहायता प्रदान किये जाने के हेतु दिशा निर्देश दिये गये।

निरीक्षण उपरान्त सचिव श्रीमती लवली जायसवाल द्वारा कौशन विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत महिला बंदीयो को आत्मनिर्भर बनाये जाने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में बैंक ऑफ इण्डिया से समन्वय से व्यूटीशियन कोर्स का 30 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ कर बताया गया कि कौशल विकास कार्यक्रम का उद्देश्य कैदी के रिहा होने पर वह समाज की मुख्य धारा में जुड़कर स्वरोजगार कर सके और अपने परिवार का पालन पोषण कर सम्मान की जिंदगी जी उन्होंने बताया कि जेल में निरूद्ध बंदी चाहे वह महिला हो या पुरुष अपराधी होने का दाग लग जाने के कारण तथा पवार व समाज से दूर हो जाने के कारण अन्यन्त  तनावग्रस्त रहते हैं तथा कई बार यह भी देखने को मिलता है कि आत्मविश्वास एवं आत्मसम्मान की कमी भी हो जाती है। उनमें कई बंदी ऐसे हैं जो जेल में निरुद्ध होने से पहले बिगी नौकरी या रोजगार में लिए थे तथा एक सामान्य जीवन बिता रहे थे किन्तु जेल में निरूद्ध होने के पश्चात ना केवल यह वर्तमान नौकरी या रोजगार से वंचित हो गये थे अपितु उन्हें यह भी डर था कि जेल से निकलने के पश्चात कोई उन्हें नई नौकरी या रोजगार प्रदान करेगा या नहीं। इसी प्रकार अनेक ऐसे बंदी भी जेल में निरुद्ध है जो अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। जेल में निरुद्ध होने के बाद ना ही कोई उनकी पैरवी करने वाला था और ना ही वे अपने परिवार की सहायता करने की स्थिति में थे। उनकी तनावपूर्ण मनोदशा, कमजोर आर्थिक स्थिति एवं सशंकित भविष्य के सन्दर्भ में कुछ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता थी। इस हेतु यह विचारित किया गया कि इनके पुर्नवास हेतु कौशल विकास के प्रशिक्षण द्वारा इन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाये जिससे ना केवल ये अपना खोया हुआ आत्मविश्वास एवं आत्मसम्मान प्राप्त कर सकें अपितु कौशल के बल पर स्वयं को समाज की मुख्य धारा से जोड़ कर स्वयं को रोजगार के कार्य में संलिप्त कर सके।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारम्भ के उपरान्त सचिव श्रीमती जायसवाल द्वारा प्ली बारगेनिंग एवं बंदियों के अधिकार सम्बन्धी में विधिक साक्षरता शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें पैनल अधिवक्ता अभिषेक कुमार द्वारा जिला कारगार में उपस्थित बंदियों को बताया गया कि किसी व्यक्ति द्वारा किया गया ऐसा अपराध जिसकी सजा 7 साल या उससे कम है या अभियुक्त ने पहली बार अपराध किया है वह अपनी सजा में सौदेबाजी कर सकता है, छोटे अपराधों में पीड़ित और अभियुक्त आपसी सामंजस्य से सौदेबाजी कर सकते है इसे प्ली बारगेनिंग कहा जाता है। इसके अतिरिक्त बन्दियों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करते हुए बताया गया कि प्रत्येक बंदी को कानून में विभिन्न प्रकार के विधिक अधिकार प्राप्त है जैसे किसी बन्दी के पास अधिवक्ता नही होता है तो वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त करने का प्रार्थना पत्र जेलर के माध्यम से दे सकता है तथा यह भी बताया कि किसी बन्दी के जमानत उपरान्त जमानतगीर उपलब्ध ना कर पाने के कारण जेल में निरूद्ध है तो वह बन्दी जेलर के माध्यम से अपनी जमानत के शिथिलता प्रदान किये जाने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रार्थना पत्र प्रेषित किया जा सकता है। लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल के अधिवक्ता मो० सैफ एवं शिव शंकर दोहरे द्वारा लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल सिस्टम के बारे में बन्दियों को जागरूक करते हुए बताया गया कि जिन बन्दियों के पास अपने मुकदमें की पैरवी करने हेतु अधिवक्ता नहीं है। तथा वह अपना अधिवक्ता करने में समक्ष नहीं है वह जेल अधीक्षक से सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को नि शुल्क अधिवक्ता प्रदान किये जाने हेतु पत्र प्रेषित कर सकते है तथा पत्र के माध्यम से बंदियों को डिफेन्स काउन्सिल प्रदान कर दिया जाता है जिसके जरिये वह अपने मुकदमें की पैरवी कर सकते है।

आयोजित निरीक्षण में जेल अधीक्षक/ जेलर, डिप्टी जेलर व बंदीरक्षक तथा अभिषेक कुमार पैनल

अधिवक्ता मो० सैफ अरिटेट व शिव शंकर दोहरे लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल तथा कार्यालय लिपिक बसन्त राम मौजूद रहे।

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