नयी दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे पास आते जा रहे हैं उत्तराखंड में वैसे वैसे सियासी हलचल तेज होती जा रही है। नेताओं ने पाला बदलना शुरू कर दिया है। अपनी पार्टियों से नाराज नेता अब दल बदलने की नीति अपना कर अपना वजन बनाए रखने में जुटे है ऐसा ही मंगलवार को देहरादून में देखने को मिला जहां दो बार विधायक और राज्यमंत्री रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता ज्ञानचंद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और वो राष्ट्रीय पार्टी को छोड़कर क्षेत्रीय दल सुराज सेवा दल में शामिल हो गए हैं।
ज्ञानचंद दो बार उत्तरकाशी से बीजेपी के विधायक रह चुके है और भगत सिंह कोशियारी की सरकार में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं। पिछले काफी समय से वो पार्टी में उपेक्षित महसूस कर रहे थे, जिसके बाद लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और अब सुराज सेवा दल को ज्वाइन कर लिया है।
सुराज सेवा दल में शामिल होने के बाद ज्ञानचंद कहा कि हमारे द्वारा अलग प्रदेश बनाने के लिए आंदोलन किए गए थे, हम जेल भी गए, लेकिन राज्य गठन के दो दशक बीत जाने के बावजूद हमारे राज्य को जो सपना था वो साकार नही हो सका है और उस सपने को हकीकत में बदलने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय पार्टी नही बल्कि क्षेत्रीय दल की जरूरत है, जो पहाड़ के दर्द को महसूस कर उसका समाधान भी कर सकेगी। ज्ञानचंद ने बताया कि उन्होंने बीजेपी से अपना इस्तीफा दे दिया है और अब वो सुराज सेवा दल में शामिल हो गए हैं। उसके साथ बीजेपी के प्रधानों ने भी उनके साथ सुराज सेवा दल की सदस्यता ले ली है।
सुराज सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी ने कहा कि प्रदेश भर में सुराज का परचम लहराने के लिए ही भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारा दल अभियान और आंदोलन चला रहा है। साथ ही अपने साथ साफ छवि के लोगों को जोड़ कर भृष्टाचार मुक्त प्रदेश बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
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