‘‘‘बिहार सरकार की ऐतिहासिक पहल’’’
नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) बिहार सरकार ने मंगलवार (07 नवंबर) को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जातीय गणना से जुड़ी रिपोर्ट पेश की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में आरक्षण बढ़ाने के मुद्दे पर बड़ा प्रस्ताव रखा है। नीतीश कुमार ने कहा कि पिछड़े और अतिपिछड़े का आरक्षण बढ़ना चाहिए। 50 की जगह 65 फीसदी किया जाना चाहिए। उन्होंने ईडब्ल्यूएस के 10 फीसदी को मिलाकर आरक्षण 75 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा।
नीतीश कुमार ने एससी के लिए 20, एसटी के लिए 2 और ओबीसी एवं ईबीसी के लिए 43 फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा। बता दें कि बिहार में ईबीसी के लिए आरक्षण 10 फीसदी, एससी के लिए 16, एसटी के लिए 01, ईबीसी के लिए 18, ओबीसी के लिए 12 और ईबीसी एवं ओबीसी महिलाओं के लिए तीन फीसदी है।
उधर नीतीश कुमार ने जातीय गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाने वालों को भी जवाब दिया है। सीएम नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि कहीं कहीं कोई बोल देता है कि इस जाति की संख्या बढ़ गई तो उस जाति की संख्या बढ़ गई। यह बताएं कि जब इसके पहले जाति आधारित गणना हुई ही नहीं तो आप कैसे कह रहे हैं कि इस जाति की संख्या घट गई और उस जाति की संख्या बढ़ गई? यह बहुत बोगस बात है। यह सब नहीं बोलना चाहिए। जब भी हुआ है केंद्र सरकार ने कराया है।
इस दौरान सदन में बीजेपी नेता प्रेम कुमार खड़े हो गए तो नीतीश कुमार ने कहा कि बैठिए न, आप हमारे मित्र हैं। मेरी बात तो सुन लीजिए। इसके बाद आप कुछ कहना चाहिएगा तो सुनेंगे। आपको कितनी इज्जत करते हैं। पूरी बात सुन लीजिए। रिपोर्ट जब बन गई तो अब आपके सामने रख दी गई है। हमने तो केंद्र से शुरू से कहा है कि इसे करा लेना चाहिए था। अभी तो देर हो गई है। 2020 और 2021 में होना था वो नहीं हुआ। हर दस साल पर हो रहा था। इसी साल शुरू कर दें न।
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