मायावती के बाद अखिलेश ने भी उठाई कांशीराम के लिए भारत रत्न की मांग

‘‘‘प्रदेश में जंगलराज की वापसी’’’
लखनऊ।  (आवाज न्यूज ब्यूरो) मोदी सरकार के जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के ऐलान के बाद राजनीति तेज हो गई है। चुनाव से ऐन पहले की गई इस घोषणा को भाजपा का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। वहीं विपक्षी दल भी इसका सियासी लाभ लेने के रास्ते तलाश रहे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बसपा संस्थापक कांशीराम सहित कई समाजवादी नेताओं को भारत रत्न की मांग कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने कई निशाने एक साथ साधने का प्रयास किया है।
गुरुवार को अखिलेश यादव ने पूर्व बसपा प्रमुख कांशीराम, चौधरी चरण सिंह, जय प्रकाश लोहिया, बी पी मंडल और मुलायम सिंह को भी भारत रत्न देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन नेताओं का भी समाज में अहम योगदान है। कांशीराम को भारत रत्न पैरवी के बहाने अखिलेश यादव ने दलित वोट बैंक पर नजर गड़ा दी है। उनके इस कदम को बसपा के साथ चल रही तनातनी को सामान्य करने की पहल भी माना जा रहा है।
लोकसभा चुनाव में प्रदेश में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ अभी तक अंतिम रूप नहीं ले सका है। अपने जन्मदिन पर मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया है। अखिलेश यादव द्वारा कांशीराम को भारत रत्न की मांग को उनकी दोहरी रणनीति का हिस्सा माना जा सकता है। इसके जरिए सपा ने बसपा के साथ गठबंधन के रास्ते बंद न करने के संकेत दिए हैं। वहीं गठबंधन न होने की स्थिति में इसकी आड़ में दलित वोट में सेंध लगाने का मजबूत रास्ता सपा के लिए खुल जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने देवरिया के चौधरी रामप्रकाश यादव को सपा की राज्य कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव नामित किया है। समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजपाल कश्यप ने मऊ के प्रद्युम्न यादव को समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ की राज्य कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव नामित किया गया है। वहीं उन्नाव जनपद के मोहान विधान सभा क्षेत्र से 2022 में बसपा प्रत्याशी रहे सेवक लाल रावत ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। समाजवादी महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह के निर्देश पर राष्ट्रीय सचिव रिंकी सिंह ने पिछडा, दलित और अल्पसंख्यक महिलाओं की एक सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महिलाओं को शाल दिया गया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जंगलराज है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। दिन दहाड़े हत्याएं हो रही है। लूट और अपहरण हो रहे है। महिलाओं, बच्चियों के साथ अपराध लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह संविधान के अनुसार कानून व्यवस्था का पालन करें, लोगों को सुरक्षा दें तथा लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को कार्यान्वित करे। आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जनता को सुरक्षा नहीं दे पा रही है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार में सत्ता संरक्षित दबंग खुलेआम गुण्डई कर रहे हैं और कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं।

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