बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) दुनिया भर में देशी इत्र की सोंधी सुगंध के लिए विख्यात कन्नौज शहर में पिछले चार दिनों से न सिर्फ सनसनी फ़ैली हुई है, बल्कि राजनैतिक आरोपों के बीच एक दूसरे को फंसाने की साजिशें चल रहीं हैं। कारण कन्नौज शहर के मूल निवासी और पान मसाला कम्पाउंड के व्यवसायी पियूष जैन के कानपुर स्थित ठिकानों पर गुरुवार की दोपहर में हुई जीएसटी जांच के दौरान आयकर विभाग द्वारा पकड़ी गई पौने दो सौ करोड़ की नकदी व करोड़ों रुपये के सोने-चांदी की खनक शुक्रवार की शाम तक कन्नौज शहर भी पहुंच गई। यहां शहर के मोहल्ला होली निवासी इत्र कारोबारी संदीप मिश्रा उर्फ रानू के आवास व कारखाने सहित अन्य ठिकानों पर आयकर की टीम ने छापामारी की । इससे कन्नौज शहर के इत्र उधमियों में ही नहीं बल्कि इस व्यवसाय से जुड़े देश भर के व्यवसायियों में हड़कंप मच गया। उधर कई सुगन्ध उद्यमियों ने दबी जुबान से कहना शुरू कर दिया है कि सत्तापक्ष के एक राजनेता के इशारे पर पिछले कई महीनों से छापामारी हो रही है। क्योंकि वो राजनेता देश भर के पान मसाला उद्योग से जुड़े कारोबारियों पर खुद से कम्पाउंड खरीदने का दबाव बना रहे हैं। ऐसा न करने वाले व्यवसायियों के खिलाफ जीएसटी व आयकर विभाग में गोपनीय शिकायत करके उन पर छापा डलवा रहे हैं । बीते गुरुवार की दोपहर में कन्नौज के मूल निवासी व सुंगध कारोबारी पियूष जैन के आनन्दपुरी कानपुर स्थित आवासों पर जीएसटी की टीम ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान जीएसटी टीम को भारी मात्रा में नकदी मिली तो आयकर विभाग को सूचना दी गई । जिस पर आयकर विभाग की टीम ने सुगन्ध कारोबारी के घर को खंगलाना शुरू किया तो घर के तहखाने में ही नहीं बल्कि दीवालों में भी नोटों की सैकड़ों गड्डियाँ बरामद हुई । इस बीच पियूष जैन के कन्नौज के मोहल्ला छिपट्टी स्थित पैतृक आवास की भी आयकर विभाग ने घेराबंदी कर ली। छापेमारी के बाद से राजनीतिक गलियारे में गहमा-गहमी तेज हो गई थी । क्योंकि आयकर विभाग की छापेमारी वाली खबर में कुछ मीडिया संस्थानों ने सुगन्ध कारोबारी पियुष जैन को दो माह पहले समाजवादी इत्र लांच करने वाले इत्र उद्योगपति पुष्पराज जैन पम्पी से जोड़ दिया। जिसके चलते भाजपा के प्रदेश कार्यालय व राष्ट्रीय स्तर के प्रवक्ताओं ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए टिवटर वार शुरू कर दिया, हालांकि मीडिया संस्थानों व सोशल मीडिया में सुगन्ध कारोबारी पियूष जैन को सपा से जुड़े होने पर खुद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने टिवट करके स्पष्ट कर दिया था कि पियूष जैन का सपा से कोई सम्बन्ध नही है लेकिन पुष्पराज जैन पम्पी समाजवादी पार्टी से विधान परिषद सदस्य हैं और उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबियों व विश्वास पात्रों में शुमार किया जाता है। उन्होंने दो महीने पहले ही समाजवादी इत्र लांच किया था। सुगंध कारोबारी पियूष जैन को सिर्फ जैन और कन्नौज शहर के साथ ही उसी मोहल्ले का मूल निवासी होने के नाते एमएलसी तथा इत्र उधोगपति पुष्पराज जैन पम्पी से जोड़ते हुए सपा से जोड़ दिया गया था किन्तु शुक्रवार को जैसे ही भाजपा नेता व इत्र व्यवसायी संदीप मिश्रा रानू के घर आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की वैसे ही आयकर विभाग की छापेमारी का राजनैतिक मामला पलट गया । भाजपा नेता संदीप मिश्रा रानू के घर से क्या मिला और छापा क्यों पड़ा ? अभी इस बात की कोई चर्चा भी नहीं कर रहा है। उधर दूसरी ओर अतर एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष व भाजपा नेता पवन त्रिवेदी ने शनिवार को एक पत्र लिखकर कहा है कि सीजीएसटी व आयकर की छापेमारी में अकूत धन के साथ पकड़े गए कारोबारी पियूष जैन का कन्नौज के इत्र व्यवसाय से कोई सम्बन्ध ही नहीं है। पियूष जैन का कन्नौज में देशी इत्र का कोई कारोबार नहीं है। उसके व्यवसाय का कन्नौज के इत्र उद्योग से जुड़ी संस्था में पंजीकरण अथवा सदस्यता भी नहीं है। श्री त्रिवेदी ने इस मामले की सरकार से जांच कराने की मांग भी की है ।
आयकर विभाग की टीम ने समाचार लिखे जाने तक मीडिया को कोई जानकारी नहीं दी है जबकि जीएसटी चोरी की शंका के आधार पर की गई विभागीय छापेमारी में आयकर विभाग को मिली अरबों रुपयों की सम्प्पति के मुख्य सरगना पियूष जैन व उनके बेटे प्रत्यूष जैन को शनिवार की रात में ही कानपुर से कन्नौज लाकर उनके पैतृक आवास सहित अन्य ठिकानों पर छानबीन की जा रही है। आयकर की टीम ने पियूष के कर्मचारियों के घरों को भी खंगालना शुरू कर रखा है। इस बीच विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि पियूष जैन के कन्नौज के ठिकानों से कई बोरों में दो हजार व पांच सौ के नोट मिले हैं। पीयूष जैन के ठिकानों से दौलत मिलने का सिलसिला जारी है। चूंकि कानपुर के आनन्दपुरी स्थित आवास से 177 करोड़ रुपए नगद पहले ही मिल चुके हैं और अब उनके कन्नौज वाले घर से भी खजाना मिलना जारी है। सोमवार सुबह पांचवे दिन भी जैन के घर और फैक्ट्री में सीजीएसटी और आईटी की खोजबीन जारी है। जबकि शनिवार की देर रात तक मकान में एक तहखाना ढूंढ निकाला गया जिसमें 250 किलो चांदी और 25 किलो सोने की सिल्लियां बरामद होने की चर्चा हैं। बोरों में भरे मिले नोट गिनने के लिए कानपुर से 7 मशीनें मंगाई गई हैं। साथ ही बैंक के अफसरों को भी बुलाया गया है। हालांकि माना जा रहा है कि यह 50 करोड़ के करीब की नकदी है। एक झोले में सिर्फ चाभियां ही चाभियाँ मिली हैं जिनसे घर के कोई ताले नहीं खुले इसलिए घर के कई तालों को तोड़ा भी गया है । कानपुर के बाद कन्नौज में पियूष जैन के घर से मिल रही नगदी और जेवरात की बरामदगी देखकर विभागीय अफसर ही नहीं स्थानीय लोग भी दंग हैं।
चौदह दिन की रिमांड पर न्यायिक हिरासत में
कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घरों से खजाना मिलने का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। कानपुर में 180 करोड़ रुपये बरामद होने के बाद के बाद कन्नौज से करोड़ों का कैश, 125 किलो सोना और अरबों की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं। डीजीजीआई ने बताया कि पीयूष जैन के घरों से अब तक 194 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद हुए। फिलहाल अभी ऑपरेशन जारी। वहीं, कारोबारी पीयूष जैन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। रविवार रात को गिरफ्तार करने के बाद पीयूष जैन को आज रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया।
जीएसटी की टीम ने पीयूष जैन को सोमवार की शाम करीब चार बजे रिमांड मजिस्ट्रेट योगिता कुमार के न्यायालय में पेश किया। जीएसटी अधिकारी उसे जैसे ही कोर्ट के अंदर ले गए, दरवाजे बंद कर लिए गए और बाहर सुरक्षा कर्मियों को तैनात कर दिया गया। जीएसटी के विशेष अभियोजन अधिकारी अंबरीश टंडन ने कोर्ट में समस्त दस्तावेज पेश किए और आरोपित का जेल रिमांड मांगा। इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुधीर मालवीय की ओर से आपत्ति जताते हुए रिमांड निरस्त करने की अपील की गई। दोनों पक्षों की लंबी बहस सुनने के बाद रिमांड मजिस्ट्रेट ने विशेष अभियोजन अधिकारी की बात से सहमति जताते हुए पीयूष जैन को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पीयूष जैन ने स्वीकार किया है कि रिहायशी परिसर से बरामद नकदी बिना जीएसटी के माल की बिक्री से जुड़ी है।
कानपुर से लेकर दुबई तक प्रॉपर्टी
छापों में नकदी और गोल्ड के साथ बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी के भी दस्तावेज मिलने शुरू हो गए हैं। अभी तक कानपुर में चार, कन्नौज में सात, मुंबई में दो, दिल्ली में एक और दुबई में दो प्रॉपर्टी सामने आई हैं। इनमें लगभग सभी संपत्तियां सर्वाधिक पॉश इलाकों में खरीदी गई हैं।
करोड़ों रुपये घर में लेकिन चलते हैं बाइक से
जिसके घर में करोड़ों रुपये रखे होंगे, तो कम से कम दो-चार कारों का होना बेहद मामूली बात है लेकिन पीयूष जैन का हिसाब-किताब बल्किुल अलग था। पैसे की गंध भी बाहर न आ पाए, इसके लिए रहन-सहन बेहद साधारण था। 15 साल पुरानी गाड़ी बेचकर हाल में नई गाड़ी ली थी लेकिन पीयूष खुद बाइक पर चलते हैं। उन्होंने आलीशान कोठी बनवाई है लेकिन उसके पीछे की वजह अब सामने आ गई है। नोटों को भरने के लिए उन्होंने घर की सुरक्षा पर जमकर खर्च किया। पूरे घर की बाउंड्री को चारों तरफ से लोहे की कंटीली बाड़ से घेरा लेकिन सीसीटीवी कैमरा एक भी नहीं लगाया। डीजीजीआई अफसर उस समय हैरत में पड़ गए जब वह बाइक से घर आए। इतना ही नहीं, बैंक डिटेल्स की जांच में पाया कि अभी तक पीयूष के पास 15 साल पुरानी क्वालिस थी। हद से ज्यादा घिसने के बाद क्वालिस को बेचकर इनोवा खरीदी थी लेकिन वह खुद बाइक पर चलते थे।