कन्नौज : एंटी करप्शन टीम ने बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ लिपिक को रिश्वत लेते दबोचा

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो)  एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में तैनात बाबू को रंगे हाथ दबोच लिया। जिसे कोतवाली ले जाया गया। जहां से टीम उसको अपने साथ ले गई। उधर क्लर्क को पकड़ने वाली टीम के साथ बीएसए कार्यालय के कर्मचारियों ने अभद्रता की।

जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में तैनात क्लर्क विमल पांडेय को एंटी करप्शन टीम ने गुरुवार को उस वक्त रंगे हाथ पकड़ लिया, जब उसने एरियर भुगतान के बदले गुगरापुर ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय गौरी बांगर में तैनात शिक्षक अनुराग सिंह से रिश्वत के रुपए ले लिए। बताया गया कि एरियर भुगतान के बदले बाबू विमल पांडेय ने टीचर अनुराग से 20 हजार रुपए मांगे थे।

जिसे 2 किश्तों में अदा करने के लिए कहा गया था। ऐसे में गुरुवार को वह रिश्वत के रुपए देने के लिए बीएसए कार्यालय पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शिक्षक ने बाबू को एक फाइल में रखकर रुपये दिए लेकिन विमल ने उस फाइल को जैसे ही सीधा किया पैसे जमीन पर गिर पड़े। एन्टी करप्शन की टीम ने विमल पर पैसे उठाने का दवाब बनाया तो उसने अपने दोनों हाथ पैंट की जेबो में घुसा लिए इसी बात को लेकर टीम के सदस्यों ने विमल के साथ मारपीट शुरू कर दी तो सहयोगी कर्मचारी भी उत्तेजित हो गए लेकिन टीम विमल को दवोच कर बाहर ले आयी और उस कक्ष को सील कर दिया गया। टीम ने अपनी कार में डाल कर विमल को कोतवाली पहुंचाया जहा उसे विधिवत हिरासत में लिया गया।

इसी बीच टीम के दूसरे सदस्य ने कार्यालय में लगे सीसीटीवी केमरो की डीबीआर अपने कब्जे में ले ली।बताया जाता है कि घटना स्थल का कैमरा भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है।

एक और बात इस पूरे मामले को सन्देहास्पद बनाती है वो ये कि आरोपी लिपिक विमल के पास वह पटल है ही नही जहा से 69 हज़ार भर्ती शिक्षकों का एरियर बनता है यह पटल प्रबल प्रताप के पास है तो फिर विमल का इस मामले से कोई सीधा संबंध स्थापित नही होता।

कोतवाली परिसर में जमा दर्जनों शिक्षकों और शिक्षक नेताओ में इस बात की भी खासी चर्चा थी कि यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन ( यूटा ) के प्रांतीय अध्यक्ष के एक रिश्तेदार इस समय एंटी करप्शन ब्यूरो के मुख्यालय में उच्च पद पर तैनात है, उन्ही के कथित इशारे पर आज के इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। ऑपरेशन के लिए जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नामित अधिकारियो मनीष कुमार और श्रीकांत यादव की भूमिका महज़ प्रत्यक्षदर्शी की ही रही।

 मृत्युंजय मिश्रा की अगुवाई वाली एंटी करप्शन टीम में ब्रजनंदन, अनिल कुमार क्लर्क को पकड़ कर सदर कोतवाली ले गए। जहां उससे पूछताछ के बाद टीम अपने साथ ले गई। बाद में बेसिक शिक्षा कार्यालय में तैनात लिपिकों ने एक संयुक्त पत्र कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को सौंपकर इस घटना की जानकारी दी तो उन्हें आधिकारिक तौर पर विमल पांडेय को हिरासत में लिए जाने की जानकारी दी गयी।

Check Also

आबकारी की संदिग्ध ग्राम-बाग लकूला में दबिश

फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) आबकारी आयुक्त, उ0प्र0 के आदेश एवं जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक फर्रूखाबाद …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *