बृजेश चतुर्वेदी
जीएसटी विजिलेंस के निशाने पर आए कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कन्नौज स्थित आवास पर जीएसटी विजिलेंस की टीम को यहां दबे राज को बाहर करने में सात दिन का समय लग गया। आठ दरवाजे वाले तिलिस्मी मकान की रहस्यमयी बनावट ने विजिलेंस के अफसरों को खूब छकाया। इस दौरान मकान के बेसमेंट, सीक्रेट चैंबर और तहखानों तक के राज उजागर हुए।
इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कन्नौज के छिपट्टी मोहल्ला में बने मकान में छापा मारने आई जीएसटी विजिलेंस की टीम ने भी यह गुमान नहीं किया हुआ होगा, यहां उसे इस तरह का खजाना हाथ लगेगा। न ही सात दिन में लगातार 108 घंटे तक सर्च ऑपरेशन चलाने की उम्मीद रही होगी। लेकिन जैसे-जैसे सर्च ऑपरेशन का दायरा बढ़ना शुरू हुआ, वैसे-वैसे अंदर के राज बाहर आने शुरू होने लगे। न सिर्फ उसके पुश्तैनी मकान के अंदर का रहस्यमयी भुगोल की खबर ने सभी को चौंकाया। बल्कि बाहर से एक ही दिन वाले आठ दरवाजे वाले मकान को अंदर से जुड़ा न होने की बात भी सामने आई। यही वजह रही कि रिहाईशी इलाके से गोदाम और दफ्तर के हिस्से में जाने के लिए टीम को बार-बार बाहर की गलियां नापनी पड़ीं। टीम के सदस्यों के साथ पीयूष जैन के दोनों बेटे प्रत्यूष जैन और प्रियांश जैन भी गली से होकर एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक जाते और जरूरी जानकारी देकर वापस आ जाते। जांच का दायरा बढ़ते-बढ़ते राज सामने आने लगे और अंदर दबा खजाना भी हाथ आने लगा। खजाने की सूरत में 19 करोड़ रुपए नगद, ईंट और बिस्किट की शक्ल में 23 किलो सोना हाथ लगा। इसके अलावा कमरे के नीचे बेसमेंट में छिपाकर रखा गया 600 लीटर चंदन का कीमती तेल भी बरामद हुआ। विजिलेंस टीम की जांच के दौरान ही यह बात सामने आई कि पीयूष जैन ने अपने पुश्तैनी मकान के पास ही स्थित दो और मकान खरीद रखे थे। इन मकानों को गोदाम के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था। यहां की चाबियां नहीं मिलने पर दरवाजों पर लगे ताले को कटर से कटवाना पड़ा।