नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है, लेकिन इस संवेदनशील मामले पर कांग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं की बयानबाजी से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा है। पार्टी के आलाकमान को यह बात बुरी लगी है और उन्होंने नेताओं को हिदायत दी है कि ऐसे मामलों पर फिजूल की बयानबाजी से बचें।
कांग्रेस आलाकमान का संदेश
कांग्रेस आलाकमान ने पार्टी के नेताओं को नसीहत दी है कि वे किसी भी विवादित बयान से दूर रहें, खासकर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों पर। पार्टी ने हाल में कुछ नेताओं द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयानों से भी खुद को अलग कर लिया है।
जयराम रमेश का बयान
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि कांग्रेस कार्य समिति ने 24 अप्रैल 2025 को बैठक की थी और दो दिन पहले पहलगाम में हुए आतंकी हमले के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद, 25 अप्रैल 2025 को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सर्वदलीय बैठक में पार्टी का पक्ष रखा। कांग्रेस कार्य समिति ने 24 अप्रैल 2025 को बैठक की और दो दिन पहले पहलगाम में पर्यटकों पर हुए बर्बर आतंकी हमले पर एक प्रस्ताव पारित किया। इसके पश्चात 24 अप्रैल 2025 के शाम को कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सर्वदलीय बैठक में भाग लिया और पार्टी का पक्ष रखा।
जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि कुछ कांग्रेस नेता मीडिया से चर्चा करते हुए अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त कर रहे हैं, जो पार्टी की आधिकारिक स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि इस संवेदनशील समय में केवल सीडब्लूसी का प्रस्ताव और मल्लिकार्जुन खड़गे व राहुल गांधी द्वारा व्यक्त विचार ही कांग्रेस पार्टी की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
पार्टी में नाराजगी
कांग्रेस के कुछ नेताओं ने पहलगाम हमले पर ऐसी टिप्पणियां की हैं, जिनसे समाज में पार्टी की छवि पर नकारात्मक असर पड़ा है। इनमें मणिशंकर अय्यर, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और अन्य नेता शामिल हैं। इन बयानों को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नाराज है और उन्होंने नेताओं को ऐसी बयानबाजी से बचने की सलाह दी है।
