लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पीलीभीत में चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने तुष्टीकरण की राजनीति को लेकर सपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने तराई की सियासी जमीन से सिख मतदाताओं को भी साधने का प्रयास किया। पीलीभीत में पीएम मोदी ने पहली बार चुनावी सभा की, लेकिन जिले के सांसद वरुण गांधी नहीं आए। और न ही किसी की जुबान पर उनका जिक्र आया। भाजपा के पोस्टर-बैनर से भी वरुण गांधी गायब रहे।
प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैली के मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चैधरी, राज्यमंत्री संजय गंगवार, बरेली के सांसद संतोष गंगवार, प्रत्याशी छत्रपाल सिंह गंगवार और पीलीभीत के प्रत्याशी जितिन प्रसाद मौजूद रहे। बता दें कि पीलीभीत से भाजपा ने वरुण गांधी की जगह जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। जितिन प्रसाद शाहजहांपुर के रहने वाले हैं और यूपी सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं।
मेनका गांधी और वरुण गांधी की कर्मस्थली रही पीलीभीत में 35 वर्ष में यह पहला मौका है, जब इन दोनों में कोई भी मैदान में नहीं है। भाजपा ने वरुण गांधी की जगह प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री जितिन प्रसाद पर दांव लगाया है। हालांकि टिकट कटने के बाद सांसद वरुण गांधी ने अपने लोकसभा क्षेत्र की जनता के लिए भावुक खुला पत्र लिखा था। इसमें मां का हाथ पकड़े तीन साल के बच्चे की अपनी कहानी से अपना नाता भी पीलीभीत की जनता से मजबूत किया। इसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान में वरुण गांधी पीलीभीत आएंगे, लेकिन अब तक उन्होंने भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी है।
प्रधानमंत्री के मंच पर वरुण गांधी का न दिखना चर्चा का विषय रहा। बता दें कि दो अप्रैल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम में भी वह पीलीभीत नहीं आए थे। मगर मंगलवार को हुई इस जनसभा में उनका न होना कई लोगों के जहन में सवाल छोड़ गया। पूर्व मंत्री डॉ. विनोद तिवारी भी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में नहीं दिखाई दिए। इसको लेकर भी चर्चाएं होती रही। पूर्व मंत्री पूरनपुर क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखने वालों में से एक है।
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