फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) भूमि विवाद के चलते भाकियू नेता द्वारा जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने के मामले में किसाने नेता न्याय दिलाने हेतु थाने के बाहर आचार संहिता के बावजूद धरने पर बैठ गये। वहीं भानु गुट के भाकियू नेता अधिकारियों और प्रधान के पक्ष में सामने आ गये हैं। मामले को बढ़ता हुआ देखकर थाने राजेपुर में भारी फोर्स तैंनात किया गया। सूत्रों के अनुसार राजेपुर थाना क्षेत्र के ग्राम कमालुद्दीनपुर निवासी भाकियू नेता रामनारायण पाण्डेय ने ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन केंद्र निर्माण उसकी भूमि पर कराए जाएँ के मामले में बीते दिन नशीला पदार्थ खा लिया था। जिससे उनको हायर सेंटर रेफर किया गया। रामनारायण की पत्नी नीता पाण्डेय ने प्रधान रीतू पाठक, प्रधान पति सुधांशु पाठक , देवेन्द्र मिश्रा पुत्र राधे श्याम, रामतीरथ पाण्डेय पुत्र गयाप्रसाद, लेखपाल सावन यादव, कानून-गो अजय शुक्ला, तहसीलदार कर्मवीर सिंह द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाने में तहरीर दी थी।
रामनारायण भाकियू के ब्लाक सचिव हैं। उनके समर्थन में भाकियू टिकैत गुट के मंडल उपाध्यक्ष प्रभाकांत मिश्रा, जिलाध्यक्ष अरविन्द शाक्य आदि बड़ी संख्या में पदाधिकारी साथ थाने के गेट पर गुरुवार को फिर धरने पर बैठ गये। भाकियू टिकैत गुट ने अधिकारियों और प्रधान सहित सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किये जानें तक धरना जारी रखनें की घोषणा की। वहीं दूसरी तरफ भाकियू (भानु) गुट के जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह सोमवंशी ने भी अपने समर्थकों के साथ प्रधान व अधिकारियों के पक्ष में विकास खंड कार्यालय परिसर में बैठक कर रणनीति बनायी। जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह सोमवंशी ने आरोप लगाया कि रामनारायण ने टिकैत गुट के नेताओं के कहने पर ही अधिकारियों पर दबाब बनाने के चलते जहरीला पदार्थ खाने का आरोप लगाया। दो दर्जन प्रधान आरोपी प्रधान सुधांशु पाठक के समर्थन में अधिकारियों से मिलने के लिए रवाना हुए। थाने के बाहर किसान यूनियन नेताओं का धरना शुरू होने से कई थानों से फोर्स मौके पर बुलायी गयी। जिससे राजेपुर थाना छावनी में तब्दील हो गया। इस दौरान थानें में सीओ रविन्द्र नाथ राय, एसडीएम रविन्द्र सिंह आदि थानें में सुबह से डटे हैं।