बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। (आवाज न्यूज ब्यूरो) छिबरामऊ नगर में बुधवार सुबह भारी फोर्स के साथ पहुंचे अधिकारियों ने हाईवे किनारे बनी 16 दुकानों को ध्वस्त करवा दिया। नेशनल हाईवे अथॉरिटी के पक्ष में हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद पूर्वी बाईपास पर ये कार्रवाई की गई।
छिबरामऊ में पूर्वी बाईपास पर नेशनल हाइवे के किनारे 16 दुकानें बनीं हुई थीं। जिनका अधिग्रहण 6 साल पहले नेशनल हाइवे अथॉरिटी द्वारा किया गया था। इसके बावजूद दुकान मालिकों ने कब्जा नहीं छोड़ा। वह लोग पहले सिविल कोर्ट फिर हाईकोर्ट पहुंच गए थे। जहां नेशनल हाइवे के खिलाफ केस की सुनवाई चल रही थी। 5 जून को हाईकोर्ट ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी के पक्ष में फैसला सुना दिया। ऐसे में नेशनल हाइवे के अधिकारियों ने डीएम शुभ्रान्त कुमार शुक्ल से जमीन पर कब्जा दिलाने की मांग की।
दुकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया
डीएम के आदेश पर बुधवार को एसडीएम छिबरामऊ उमाकांत तिवारी भारी फोर्स और पीएसी बल के साथ पूर्वी बाईपास पर पहुंचे। जहां नेशनल हाइवे अथॉरिटी के अफसरों की मौजूदगी में राजस्व कर्मियों ने जगह की पैमाइश की और फिर बुलडोजर चलवाकर दुकानों को तुड़वा दिया गया।
पूर्वी बाईपास पर दुकानों में बुलडोजर चलने के बाद हंगामा और उपद्रव की आशंका के चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। ड्रोन कैमरों से आसपास के एरिया में नजर रखी गई। यहां दोपहर तक दुकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया।
सम्पर्क कर अपना मुआवजा ले सकते हैं
मामले को लेकर एसडीएम छिबरामऊ उमाकांत तिवारी ने बताया कि हाईकोर्ट का फैसला नेशनल हाइवे अथॉरिटी के पक्ष में आया था। जिसके बाद जिलाधिकारी के आदेश पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। जमीन पर नेशनल हाइवे को कब्जा दिला दिया गया। उन्होंने बताया कि जिन लोगों ने मुआवजा
लेने से इनकार कर दिया था, वह लोग चाहें तो कानपुर कार्यालय में सम्पर्क कर अपना मुआवजा ले सकते हैं।
दुकानें तुड़वा कर कब्जा ले लिया गया
उधर इस मामले को लेकर एनएच 34 के साइड इंजीनियर शिवम ने बताया कि जो जमीन अधिग्रहित की गई थी, उसके लिए 5 करोड़ का मुआवजा स्वीकृत किया गया था जिसमें से ढाई करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जा चुका था। इतना ही मुआवजा दिया जाना है। जिन लोगों की दुकानें बनी हुई थीं, उन्होंने मुआवजा लेने से मना कर दिया था और जमीन बचाने के लिए हाईकोर्ट चले गए थे। उन्होंने बताया कि छिबरामऊ पूर्वी बाईपास ब्लैक स्पॉट है। जहां पर हादसे रोकने के लिए जंक्शन का निर्माण कराया जाना जरूरी है। ऐसे में कोर्ट के आदेश पर दुकानें तुड़वा कर कब्जा ले लिया गया है। जिनकी दुकानें थीं, वो लोग चाहें तो मुआवजा ले सकते हैं।