नई दिल्ली (आवाज न्यूज ब्यूरो) सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धन शोधन के मामलों में आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को सीबीआई तथा ईडी से जवाब मांगा।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने यह दलील देते हुए जमानत देने का अनुरोध किया है कि वह 16 महीने से हिरासत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमा उसी चरण पर है जिस चरण पर पिछले साल अक्टूबर में था। न्यायमूर्ति बी आर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गयी। सिसोदिया ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टचार तथा धन शोधन के मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं पर पुर्नविचार करने का अनुरोध करते हुए भी एक याचिका दायर की है। पीठ में न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, नोटिस जारी करिए, 29 जुलाई तक जवाब दीजिए। सिसोदिया की ओर से पेश वकील विवेक जैन ने पीठ को बताया कि ‘आप’ नेता 16 महीने से हिरासत में हैं। उन्होंने कहा, मैं (सिसोदिया) 16 महीने से जेल में हूं। मैंने अक्टूबर में न्यायालय का रुख किया था। इस अदालत ने कहा था कि अगर जांच की गति सुस्त रहती है तो मैं पुनः आवेदन कर सकता हूं। मुकदमा उसी चरण पर है जिस पर अक्टूबर 2023 में था जब आपने मुझे छूट दी थी। पीठ ने सिसोदिया की याचिकाओं पर सीबीआई तथा ईडी से जवाब मांगा और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 29 जुलाई की तारीख तय कर दी।
सीबीआई ने शराब नीति मामले में सिसोदिया की कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी 2023 को उन्हें गिरफ्तार किया था। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी से निकले धन शोधन के मामले में नौ मार्च 2023 को उन्हें गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने पिछले साल 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की आबकारी नीति तैयार करने और उसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबद्ध है। इस नीति को अब निरस्त किया जा चुका है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार ने इस मामले में सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई से 11 जुलाई को खुद को अलग कर लिया था। सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने पीठ से मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया और कहा कि दोनों मामलों में अभी तक सुनवाई शुरू नहीं हुई है।
सुप्रीम कोर्ट आठ जुलाई को सिसोदिया की उस नयी याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गया था, जिसमें कथित आबकारी नीति घोटाला मामलों में उनकी जमानत याचिका पर फिर से सुनवाई करने का अनुरोध किया गया। याचिका में कहा गया है कि जांच एजेंसियों की ओर से पेश कानून अधिकारी ने पीठ को बताया था कि कथित आबकारी नीति घोटाले के मुख्य मामले और इससे जुड़े धनशोधन मामले में आरोप पत्र और अभियोजन की शिकायत तीन जुलाई, 2024 को या उससे पहले दायर की जाएगी।
न्यायालय ने सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था लेकिन साथ ही कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार और धनशोधन से जुड़े मामलों में अपनी अंतिम अभियोजन शिकायत और आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद सिसोदिया जमानत के लिए अपनी याचिकाएं फिर से दायर कर सकते हैं। उच्चतम न्यायालय ने चार जून को कथित आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने हालांकि कहा था कि ईडी और सीबीआई द्वारा दर्ज कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन से जुड़े मामलों में क्रमश? अपनी अंतिम अभियोजन शिकायत और आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद सिसोदिया जमानत के लिए अपनी याचिकाएं फिर से दायर कर सकते हैं।
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