फाइलेरिया अभियान की सफ़लता के लिए प्रधानाचार्यों का किया गया उन्मुखीकरण

फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो)फाइलेरिया का दंश कितना दर्दनाक होता है यह कोई फाइलेरिया रोगी से जाकर पूछे l यह रोग किसी को न हो इसके लिए प्रदेश के 27 जनपदों में 10 अगस्त से 28 अगस्त के बीच फाइलेरिया उन्मूलन अभियान चलाया जाएगा l अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से राजकीय बालिका इंटर कॉलेज फतेहगढ़ में ज़िला विद्यालय निरीक्षक इंद्रपाल सिंह की अध्यक्षता में जिले के सभी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्यों का उन्मुखीकरण किया गया l

उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने कहा कि हाईड्रोसील हो जाना, हाथी पाँव हो जाना, महिलाओ के स्तन में सूजन आ जाना यह सब फ़ाईलेरिया रोग के लक्षण हैं, फ़ाईलेरिया रोग मच्छरों द्वारा फैलता है । खासकर क्यूलैक्स मादा मच्छर के जरिए । जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया रोग से ग्रसित व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है फिर यह मच्छर रात के समय किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काट लेता है तो फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम इसका समाधान है। फाइलेरिया के लक्षण नहीं दिखने पर भी इस दवा का सेवन करना जरूरी है।
जिला मलेरिया अधिकारी नौसाद अली ने बताया कि फ़ाईलेरिया रोग प्रबंधन के लिए 2 वर्ष से ऊपर तथा 5 वर्ष से छोटे बच्चों को डी.ई.सी. की 1 टैबलेट और एल्वेंडाजोल की 1 टैबलेट दी जाएगी एवं 5 वर्ष से ऊपर और 15 वर्ष से छोटे बच्चों को डी.ई.सी.की 2 टैबलेट व एल्वेंडाजोल की 1 टैबलेट तथा 15 वर्ष से ऊपर सभी व्यक्तियो को डी.ई.सी. की 3 टेबलेट व एल्वेंडाजोल की 1 टैबलेट दी जायेगी । डी.ई.सी. एवं अलबेन्डाजोल की टैबलेट को खाली पेट नहीं खाना चाहिए | यह दवाएं खाना खाने के बाद खानी है ऐसे व्यक्ति जो अधिक बीमार हो, गर्भवती एवं दो वर्ष से कम आयु के बच्चों को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलाई जाएगी।
पीसीआई से शादाब आलम ने कहा कि यह अभियान वर्ष में एक बार चलाया जाता है इसलिए सभी लक्षित वर्ग को इसका सेवन जरूर करना चाहिए l
इस दौरान भारतीय पाठशाला के प्रधानाचार्य दिनेश वर्मा ने कहा कि अभियान को सफल बनाने में भरपूर सहयोग दिया जायेगा l यह अभियान हमारी आपकी सेहत के लिए ही है l
राजकीय बालिका इंटर कालेज फतेहगढ़ की प्रधानाचार्या दीपिका राजपूत ने कहा कि हम विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को फाइलेरिया के बारे में जागरूक करेंगे और उनसे अपने घर के आस पास रहने वाले लोगों को भी इस रोग के बारे में जानकारी देने को कहेंगे l साथ ही स्वास्थ्य कर्मी जब आपके घर आएं तो स्वयं तो दवा खानी है और आस पड़ोस के लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करने के लिए कहेंगे l

फाइलेरिया के लक्षण :
-सामान्यतः तो इसके कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं।
-बुखार, बदन में खुजली तथा पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द और सूजन की समस्या दिखाई देती है।
-पैरों व हाथों में सूजन, हाथी पाँव और हाइड्रोसिल के रूप में भी यह समस्या सामने आती है।
फाइलेरिया से बचाव :
*मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें
*घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूडेदान का प्रयोग करे
*आसपास पानी न जमा होने दे
*गन्दे पानी में केरोसिन भी डाल दे
*चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ़ रखे
*पूरी बाजू का कपड़ा पहने
इस दौरान सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य रामदास ,मौजूद रहे l

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