‘‘किसानों को हाइवे छोड़ने के लिए कमेटी को समझाना चाहिए, ना कि उन पर बल प्रयोग किया जाए।’’
नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के नेतृत्व में हजारों किसान खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। जगजीत सिंह के आमरण अनशन का आज 18वां दिन है। उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है। सरकार की ओर से तमाम प्रयासों के बाद भी किसान प्रदर्शन खत्म नहीं कर रहे हैं। अब आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के प्रदर्शन को लेकर सख्त आदेश जारी किया और कहा कि धरना दे रहे किसानों पर पुलिस बल इस्तेमाल नहीं किए जाए। किसानों को हाइवे छोड़ने के लिए कमेटी को समझाना चाहिए, ना की उन पर बल प्रयोग किया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता की ओर से दायर याचिका मामले में सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि हाई पावर कमेटी किसानों को समझाएं कि वे या तो प्रदर्शन को कुछ समय के लिए स्थगित कर दें, या फिर इसे कहीं और शिफ्ट कर दें। कोर्ट ने कहा कि कमेटी अगली मीटिंग में किसानों से इस मुद्दे पर बातचीत करें और यहां रिपोर्ट पेश करे।
2 सितंबर को हुई थी इस मसले पर सुनवाई
बताते चलें कि पंजाब सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में अपनी बात रखते हुए कहा कि किसानों के प्रदर्शन के कारण हाईवे बंद है और इस कारण से राज्य को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। इससे पहले 2 सितंबर को इसी मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज नवाब सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी का काम ही किसानों को समझा-बुझाकर धरना खत्म करना था। इसी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर से जोर दिया है।
’डल्लेवाल को मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराएं’
कोर्ट ने किसान नेता डल्लेवाल को लेकर कहा कि वह इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। उनकी जिंदगी आंदोलन से अधिक अहमियत रखती है। इसी को लेकर कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को आदेश देते हुए जगजीत सिंह डल्लेवाल को तुरंत मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराए जाने की बात कही है। इस मामले में अगली सुनवाई 17 दिसंबर के लिए स्थगित कर दी गई है।
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