नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) आज संसद के शीतकालीन सत्र के 17वें दिन सरकार ने लोकसभा में ’एक देश, एक चुनाव’ (वन नेशन, वन इलेक्शन) विधेयक पेश किया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस विधेयक को पेश किया, जो 129वें संविधान संशोधन से संबंधित है। इस विधेयक को 12 दिसंबर को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी थी।
लोकसभा में पास हुआ बिल, 269 वोट विधेयक के पक्ष में पड़े
लोकसभा में ’एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी मिल गई है। इसके लिए मतदान हुआ, जिसमें 269 वोट विधेयक के पक्ष में पड़े और 198 सांसदों ने इसका विरोध किया। बहुमत प्रस्ताव के पक्ष में है। इसके बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल सदन में पेश कर दिया। वहीं, बिल को विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है। मतदान के बाद सदन की कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
अगर उन्हें कोई आपत्ति है तो वे पर्ची दे सकते हैं- शाह
लोकसभा में ’वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल पर मतदान शुरू हो गया है। लोकसभा में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक मशीन से वोटिंग हो रही है। इस बिल के पक्ष में 220 वोट और विपक्ष में 149 वोट पड़े। कुल 369 सदस्यों ने वोट डाला। इसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर उन्हें कोई आपत्ति है तो वे पर्ची दे सकते हैं। इस पर स्पीकर ने कहा कि हमने पहले ही बताया था कि अगर किसी सदस्य को लगे तो वह पर्ची के माध्यम से अपना वोट बदल सकता है।
सहयोगी दलों का समर्थन, विपक्ष का विरोध
भाजपा और शिवसेना ने विधेयक पर अपनी सहमति जताते हुए सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। वहीं, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सहयोगी दल सरकार और विधेयक के समर्थन में खड़े हैं।
विपक्षी दलों ने इस विधेयक का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह विधेयक असल मुद्दों से ध्यान हटाने का एक प्रयास है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने इस विधेयक को संविधान के मूल ढांचे पर हमला बताया है।