आशा वर्करों का आदोंलन : पुलिस ने नोकझोंक के बाद उप मुख्यमंत्री से मिलने भेजा

लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) बकाया मानदेय का भुगतान और मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर विधानसभा कूच कर रहीं आशा वर्करों को पुलिस ने आरक्षण केन्द्र के पास रोक लिया। कुछ देर चली नोकझोंक के बाद प्रशासन ने आशा वर्करों के प्रतिनिधिमंडल को उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात के लिए भेजा गया। उत्तर प्रदेश आशा वर्कर यूनियन के बैनर तले प्रदेश भर की आशा वर्कर चारबाग स्टेशन के बाहर एकत्र हुए थी। यहां काफी देर तक नारेबाजी करने के बाद आशा कर्मचारियों ने विधानभवन का घेराव करने के लिये कूच कर दिया। पहले से मौजूद पुलिस ने उन्हें आरक्षण केंद्र के पास रोक लिया। पुलिस ने मांगों के संबंध में 11 लोगों के प्रतिनिधिमंडल को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से मुलाकात के लिए भेजा। यूनियन की जिला सचिव मीरा प्रजापति ने कहा कि फरवरी 2024 को शासन से वार्ता में 2019 दिसंबर से 2021 तक आशा संगिनी को 750 रुपए कोविड के योगदान में प्रोत्साहन के रूप में देने की बात कही गई थी। इसके अलावा 1000 प्रतिमाह 24 महीने के भुगतान का भी वादा किया गया था जिसे पूरा नहीं किया गया। खरगापुर से आई सीमा देवी ने बताया कि विगत 6 सालों से आशा के रूप में सेवाएं दे रही हैं। आशा वर्कर की स्थिति बेहद खराब है। बच्चों की टीकाकरण से लेकर गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी तक हर एक काम हम लोग कर रहे हैं मगर कोई निर्धारित वेतन नहीं मिल रहा है।

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