नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 26 हजार टीचरों एवं अन्य गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती को अवैध घोषित कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब सियासत भी गरमा गई है। इस पर अब सीएम ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया सामने आई है। मुख्यमंत्री ने शीर्ष अदालत के फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ममता बनर्जी का कहना है कि मेरे मन में न्यायपालिका के लिए बहुत सम्मान है, लेकिन इस जजमेंट को स्वीकार नहीं कर सकते।
मैं इस फैसले का समर्थन नहीं कर सकती
ममता बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “एक नागरिक के तौर पर मैं कह रही हूं कि मैं इस फैसले का समर्थन नहीं कर सकती। मुझे उम्मीद है कि इसे तोड़-मरोड़ कर पेश नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि इन उम्मीदवारों की नियुक्तियां रद्द की जाती हैं, लेकिन जो लोग नौकरी पर हैं, उनसे उनके द्वारा किए गए किसी भी भुगतान को वापस करने के लिए कहने की जरूरत नहीं है।”
मैं अभ्यर्थियों के साथ हूंः ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल में कथित एसएससी भर्ती घोटाले पर सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “हमारे वकील इस मामले की समीक्षा करेंगे। मुझे पता है कि अभ्यर्थी उदास हैं। मैं 7 अप्रैल को नेताजी इंडोर स्टेडियम में उनसे मिलूंगी। मैं मानवीय आधार पर अभ्यर्थियों के साथ हूं। इस कदम के लिए अगर भाजपा मुझे जेल भेजना चाहती है तो भेज सकती है। अगर आप इसके लिए तैयार हैं तो मुझे पकड़ लें।” बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द कर दी है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया “दूषित” और “धोखाधड़ी” से भरी हुई थी। इसलिए हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा गया है। यह फैसला ममता सरकार के लिए बड़ा झटका है।
