नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का 84वां दो दिवसीय अधिवेशन चल रहा है। इस कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज अपना संबोधन दिया और एक बार फिर जाति जनगणना के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया।
राहुल गांधी ने कहा, “तेलंगाना में जाति जनगणना का जो कदम उठाया गया, वह क्रांतिकारी था। कुछ महीने पहले, मैंने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह सवाल किया था कि देश में जाति जनगणना क्यों नहीं कराई जा रही। मुझे यह जानना था कि इस देश में किस समुदाय का कितना हिस्सा है और क्या यह देश सचमुच आदिवासी, दलित और पिछड़े समुदायों का सम्मान करता है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस ने जाति जनगणना से साफ इनकार कर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि वे लोकसभा और राज्यसभा में जाति जनगणना कानून पारित करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा, “तेलंगाना की स्थिति अन्य राज्यों से अलग नहीं है, जहां 90 फीसदी आबादी ओबीसी, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों से है, लेकिन राज्य के सीईओ और सीनियर मैनेजमेंट में इनमें से कोई नहीं होता। कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, “तेलंगाना में गिग वर्कर्स (अस्थायी नौकरी करने वाले) ज्यादातर दलित, ओबीसी और आदिवासी हैं। वहां जाति जनगणना से यह साबित हुआ कि हम सचमुच विकास का काम कर सकते हैं। तेलंगाना में ओबीसी रिजर्वेशन को 42 फीसदी तक बढ़ाया गया है। लेकिन जब दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी की बात आती है, तो बीजेपी के लोग चुप हो जाते हैं। जो हमने तेलंगाना में किया, वही हम पूरे देश में लागू करने जा रहे हैं, लेकिन बीजेपी ने इसे रद्द कर दिया है।” राहुल गांधी ने जाति जनगणना की अहमियत पर जोर देते हुए इसे पूरे देश में लागू करने की बात की और बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह इस मुद्दे से बचने की कोशिश कर रही है।
