यूपी चुनाव के बाद आम आदमी को लग सकता है बिजली दरों का करंट, घाटे और कर्ज में डूबी हैं विद्युत कंपनियां

लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो)  विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बिल की दरों में वृद्धि का करंट लग सकता है। भले ही तात्कालिक घरेलू उपभोक्ताओं व किसानों की दरों में वृद्धि न की जाए लेकिन कॉमर्शियल व औद्योगिक समेत अन्य श्रेणियों पर भार बढ़ सकता है। वहीं चुनाव के बाद मुफ्त बिजली का वादा पूरा करना भी नई सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगा? वजह प्रदेश की बिजली कंपनियों का घाटा एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है और उन पर भारी-भरकम कर्ज भी है।
कंपनियों पर उत्पादकों से खरीदी गई बिजली की बड़ी देनदारी भी है। ऐसे में घाटे की भरपाई और कंपनियों की वित्तीय व्यवस्था पटरी पर रखने के लिए फिलहाल दरें बढ़ाने के अलावा सरकार के सामने कोई विकल्प नहीं है। सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि जब कंपनियों के पास बिजली खरीदने का पैसा ही नहीं होगा तो मुफ्त बिजली कैसे दी जाएगी?
दरअसल, चुनाव के बाद बिजली दरों में बढ़ोतरी के संकेत इससे भी मिल रहे हैं कि भारत सरकार ने सभी राज्यों की बिजली कंपनियों को समय पर बिजली दरें पुनरीक्षित करने को कहा है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के कारण पावर कॉर्पोरेशन ने 2022-23 के लिए नई दरों का प्रस्ताव अभी तक राज्य विद्युत नियामक आयोग को नहीं सौंपा है। सूत्रों का कहना है कि कॉर्पोरेशन 2022-23 का वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) और टैरिफ प्रस्ताव तैयार करा रहा है लेकिन सरकार की ओर से हरी झंडी मिले बगैर इसे आयोग में दाखिल नहीं किया जाएगा।
नई दरों के मामले में सरकार फूंक-फूंककर कदम रख रही है, क्योंकि वह विपक्ष को एक और मुद्दा देना नहीं चाहती है। माना जा रहा है कि अगले वित्तीय वर्ष का एआरआर व टैरिफ प्रस्ताव अब मार्च में ही दाखिल किया जाएगा। संभावना है कि नियामक आयोग स्वतरू नई दरें तय कर सकता है जिससे सरकार पर तोहमत न लगे।
बिजली पर सभी का वादा
इस बार चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा, सपा, आप व कांग्रेस ने बिजली को लेकर अलग-अलग वादे किए हैं। भाजपा ने किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली तो सपा ने सभी को 300 यूनिट और किसानों को मुफ्त बिजली का वादा किया है। ऐसे ही आप व कांग्रेस ने भी वादा किया है।
वादे पर भारी भरकम सब्सिडी
सियासी दलों के अनुसार यदि सभी को 300 यूनिट और किसानों को मुफ्त बिजली दी गई तो 34682 करोड़ रुपये सब्सिडी की दरकार होगी। वहीं केवल किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली का वादा पूरा करने के लिए 13500 करोड़ की सब्सिडी का इंतजाम करना होगा। मौजूदा समय राज्य सरकार बिजली कंपनियों को 11500 करोड़ सब्सिडी दे रही है।

यूपी की बिजली कंपनियों की आर्थिक स्थिति एक नजर में
कुल घाटा- 2020-21 तक 70554 करोड़
कार्यशील पूंजी ऋण 66277 करोड़
पूंजीगत खर्च के लिए ऋण 11105 करोड़ रुपये
बिजली उत्पादकों का बकाया
केंद्रीय उत्पादन एवं ट्रांसमिशन उपक्रम 4686 करोड़
निजी बिजली उत्पादन गृह 6859 करोड़
राज्य के बिजली उत्पादन गृह 14560 करोड़
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा इकाइयां 314 करोड़
कुल देनदारी 26419 करोड़ रुपये
प्रतिदिन औसत घाटा बिना सब्सिडी 80 करोड़
प्रतिदिन औसत घाटा सब्सिडी के साथ 58 करोड़
प्रतिमाह औसत घाटा 2419 करोड़
वर्षवार घाटा
2017-18- 15534 करोड़
2018-19- 16918 करोड़
2019-20- 12892 करोड़
2020-21- 16160 करोड़

बढ़ोतरी का करेंगे विरोध: अवधेश वर्मा
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि जिस तरह से चुनाव में सभी दल मुफ्त बिजली की बात कर रहे हैं उससे आने वाले समय में बिजली दरें बढ़नी तय है। भले ही घरेलू उपभोक्ताओं व किसानों की दरें न बढ़ें पर अन्य श्रेणियों पर भार बढ़ सकता है। इसका किसी न किसी तरह असर छोटे उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा। उपभोक्ता परिषद दरों में किसी भी तरह की वृद्धि का विरोध करेगा।
सब्सिडी की गारंटी ले सरकार: शैलेंद्र दुबे
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे का कहना है कि मुफ्त और रियायती बिजली के एवज में राज्य सरकार बिजली कंपनियों को सब्सिडी नहीं दे रही हैं। प्रदेश में सरकारी विभागों पर ही 20 हजार करोड़ रुपये बिल बकाया है। 5-7 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी भी बकाया है। पूरे देश में 70 हजार करोड़ सब्सिडी बकाया है। अगर सरकारें सब्सिडी नहीं देंगी तो कंपनियां बिजली खरीदेंगी कैसे और फिर 300 यूनिट और किसानों को मुफ्त बिजली मिलेगी कहां से? सरकार के लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) के माध्यम से सब्सिडी भुगतान की गारंटी लेनी होगी तभी कंपनियां बिजली खरीदकर देने की स्थिति में होंगी।
इनकी प्रतिष्ठा है दांव पर…
विस सीट भाजपा गठबंधन सपा गठबंधन बसपा कांग्रेस
मैनपुरी जयवीर सिंह राजकुमार यादव गौरवनंद विनीता शाक्य
भोगांव रामनरेश अग्निहोत्री आलोक शाक्य अशोक कुमार ममता राजपूत
किशनी प्रियरंजन दिवाकर बृजेश कठेरिया प्रभुदयाल विजय नरायन
करहल एसपी सिंह बघेल अखिलेश यादव कुलदीप नरायन —
कासगंज देवेंद्र सिंह मानपाल सिंह मोहम्मद आरिफ कुलदीप पांडेय
अमांपुर हरिओम वर्मा सत्यभान शाक्य सुभाष शाक्य दिव्या शर्मा
पटियाली ममतेश शाक्य नादिरा सुल्तान नीरज किशोर मिश्रा इमरान अली
एटा सदर विपिन वर्मा डेविड जुगेंद्र सिंह यादव अजय यादव गुंजन मिश्रा
जलेसर संजीव दिवाकर रणजीत सुमन आकाश सिंह नीलिमा राज
मारहरा वीरेंद्र सिंह लोधी अमित गौरव यादव योगेश कुमार तारा राजपूत
अलीगंज सत्यपाल सिंह राठौर रामेश्वर सिंह यादव सऊद अली खां सुभाष चंद्र वर्म
फिरोजाबाद मनीष असीजा सैफुर्रहमान शाजिया हसन संदीप तिवारी
टूंडला प्रेमपाल धनगर राकेश बाबू अमर सिंह योगेश दिवाकर
शिकोहाबाद ओमप्रकाश वर्मा मुकेश वर्मा अनिल कुमार शशि शर्मा
सिरसागंज हरिओम यादव सर्वेश सिंह पंकज मिश्रा प्रतिमा पाल
जसराना मानवेंद्र सिंह सचिन यादव सूर्य प्रताप सिंह विजयनाथ वर्मा
झांसी रवि शर्मा सीताराम कुशवाहा कैलाश साहू राहुल रिछारिया
बबीना राजीव सिंह पारीछा यशपाल सिंह यादव दशरथ सिंह राजपूत चंद्रशेखर तिवारी
गरौठा जवाहर लाल राजपूत दीपनारायण यादव वीर सिंह गुर्जर नेहा निरंजन
मऊरानीपुर रश्मि आर्य (अद) तिलकचंद्र अहिरवार रोहित रतन भगवान दास कोरी
ललितपुर रामरतन कुशवाहा रमेश कुशवाहा चंद्रभूषण बुंदेला बलवंत राजपूत
महरौनी मनोहर लाल पंथ रामविलास रजक किरण खटीक बृजलाल खाबरी
महाराजपुर सतीश महाना फतेह बहादुर सिंह सुरेंद्र पाल सिंह कनिष्क पांडेय
सीसामऊ सलिल विश्नोई इरफान सोलंकी रजनीश तिवारी सुहेल अहमद
आर्यनगर सुरेश अवस्थी अमिताभ बाजपेई आदित्य जायसवाल प्रमोद जायसवाल
किदवईनगर महेश त्रिवेदी अभिमन्यु गुप्ता मोहन मिश्रा अजय कपूर
गोविंदनगर सुरेंद्र मैथानी सम्राट विकास अशोक कालिया करिश्मा ठाकुर
बिठूर अिभजीत सिंह सांगा मुनींद्र शुक्ला रमेश यादव अशोक निषाद
बिल्हौर राहुल बच्चा सोनकर रचना गौतम मधु गौतम ऊषारानी कोरी
कल्याणपुर नीलिमा कटियार सतीश निगम अरुण मिश्रा नेहा तिवारी
कैंट रघुनंदन भदौरिया मो. हसन रूमी मोहम्मद सफी सोहिल अंसारी
घाटमपुर सरोज कुरील भगवती सागर प्रशांत अहिरवार राजनारायण कुरील
अकबरपुर प्रतिभा शुक्ला रामप्रकाश कुशवाहा विनोद कुमार पाल अंबरीश सिंह गौर
िसकंदरा अजीत सिंह पाल प्रभाकर पांडेय लालजी शुक्ला नरेशचंद्र कटियार
रसूलाबाद पूनम संखवार कमलेश चंद्र दिवाकर सीमा सिंह मनोरमा
भोगनीपुर राकेश सचान नरेंद्र पाल जुनैद खान गोविंद कुमार
विधुना रिया शाक्य रेखा वर्मा गौरव सिंह सुमन व्यास
दिबियापुर लाखन सिंह राजपूत प्रदीप यादव अरुण दूबे मनोज पाल
औरैया गुडिया कठेरिया जितेंद्र दोहरे रवि शास्त्री सविता दोहरे
उरई सदर गौरीशंकर वर्मा दया शंकर वर्मा छुन्ना पाल उर्मिला खाबरी
कालपी छोटे सिंह विनोद चतुर्वेदी रजनीश तिवारी उमाकांती
माधौगढ़ मूलचंद निरंजन राघवेंद्र सिंह शीतल कुशवाहा सिद्धार्थ दिबौलिया
महोबा राकेश गोस्वामी मनोज तिवारी संजय साहू चैधरी सागर
चरखारी बृजभूषण राजपूत रामजीवन यादव विनोद राजपूत निर्दोष दीक्षित
हमीरपुर डाॅ. मनोज प्रजापति रामप्रकाश प्रजापति रामफूल निषाद राजकुमारी चंदेल
राठ मनीषा अनुरागी चंद्रवती वर्मा प्रसन्न भूषण कमलेश वर्मा
हाथरस अंजुला माहौर बृजमोहन राही संजीव कुमार कुलदीप सिंह
सादाबाद रामवीर उपाध्याय प्रदीप चैधरी अविनाश शर्मा मथुरा प्रसाद
सिकंदराराऊ वीरेंद्र सिंह राणा डॉ. ललित बघेल अवधेश सिंह छवि वार्ष्णेय
फर्रुखाबाद सुनील दत्त द्विवेदी सुमन मौर्य विजय कटियार लुईस ख्ुार्शीद
कायमगंज डॉ. सुरभि (अद) सर्वेश अंबेडकर दुर्गा प्रसाद शकुंतला देवी
अमृतपुर सुशील शाक्य डॉ. जितेंद्र यादव अमित कुमार सिंह श्ुाभम तिवारी नरेंन्द्र सिंह यादव (निर्दलीय)
भोजपुर नागेंद्र सिंह राठौर अरशद जमाल सिद्दीकी आलोक वर्मा अर्चना राठौर
कन्नौज असीम अरुण अनिल दोहरे समरजीत दोहरे विनीता देवी
छिबरामऊ अर्चना पांडेय अरविंद सिंह यादव वहीदा बानो जूही विजय मिश्रा
तिर्वा कैलाश राजपूत अनिल पाल अजय वर्मा —
जसवंत नगर विवेक शाक्य शिवपाल सिंह यादव बृजेंद्र प्रताप सिंह —
इटावा सरिता भदौरिया सर्वेश शाक्य कुलदीप गुप्ता संटू राशिद खान
भरथना डॉ. सिद्धार्थशंकर राघवेंद्र गौतम कमलेश अंबेडकर स्नेहलता

Check Also

आंबेडकर को अपमानित करने वालों को हमेशा के लिए सत्ता से बाहर कर देगा ‘पीडीए’ : अखिलेश यादव

‘‘अखिलेश की अपील : आइए हम सब मिलकर देश का संविधान और बाबा साहब का …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *