लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) अब योगी सरकार डग्गामार वाहनों के खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान चलाने जा रही है। खास कर ऐसी बसें जो जर्जर हालत में रहती हैं और वो बसें जो नियमों का उल्लंघन करते हुए यूपी से होकर गुजरती हैं। यातायात को बेहतर बनाने के लिए सड़कों से अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा, पार्किंग की व्यवस्था बेहतर की जाएगी और हर जिले में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए इंटरसेप्टर उपलब्ध कराई जाएगी। इसके निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए हैं। मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को सड़क सुरक्षा से संबंधित प्रस्तुतिकरण के बाद अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष सैकड़ों लोगों की जान सड़क दुर्घटना में चली जाती है। इसमें सबसे ज्यादा मामले दोपहिया चालकों से संबंधित होते हैं। उसमें भी सबसे अधिक ओवर स्पीड के चक्कर में हादसे होते हैं। इसके अलावा गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करने, नशे में गाड़ी चलाने से भी बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं होती हैं। इसे रोकने के लिए सभी विभागों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ अगले 6 दिन में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक ठोस कार्य योजना तैयार की जाए। इस दौरान मुख्यमंत्री खुद वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश भर के अफसरों के साथ-साथ नगर निकाय के अधिकारियों से भी सड़क सुरक्षा के संबंध में बात करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2018 के बाद से सड़क हादसे में कमी आई है। लेकिन इसमें और सुधार की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा के संबंध में लोगों को जागरुक करने के लिए दो चरणों में अभियान चलाया जाए। पहले लोगों को जागरुक किया जाए और दूसरे चरण में नियमों का पालन कड़ाई से कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगरों में पार्किंग की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए। अवैध टैक्सी स्टैंड की समस्या का स्थाई समाधान किया जाए। कोई बदलाव करते समय प्रभावित व्यक्ति के व्यवस्थापन का ध्यान रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अनफिट या बिना परमिट के स्कूली बसों का संचालन न हो। यातायात के संबंध में बच्चों को भी जागरुक किया जाए और इसके लिए स्कूलों और कालेजों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी तरह से प्रशिक्षित लोग ही सड़क पर गाड़ी चलाएं। सभी जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट की स्थापना हो और ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाए जाएं। उन्होंने वाहन चालान से जुड़े लंबित मामलों के निस्तारण के लिए लोक अदालत लगाई जाई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यातायात से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी क्षेत्रों का दौरा करें और लोगों से संवाद करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मेडिकल कालेज में 30 बेड का इमरजेंसी ट्रामा केयर सेंटर बनाया जाए। एम्बुलेंस के रिस्पांस टाइम को और कम किया जाए। लखनऊ में यातायात प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना के लिए प्रक्रिया शुरू की जाए। प्रस्तुतिकरण के दौरान परिवहन, गृह, लोक निर्माण, नगर विकास, चिकित्सा शिक्षा, बेसिक माध्यमिक उच्च शिक्षा, एक्सप्रेस वे प्राधिकरण, एनएचएआई के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सड़क सुरक्षा व सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के संबंध में किए जा रहे प्रयासों और उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी दी।
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