पीएम मोदी ने किया अक्षय पात्र के 62वें मेगा किचन का शुभारंभ

लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो ) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे, जहां उन्होंने काशीवासियों को 17 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की सौगात दी। वाराणसी आगमन के बाद पीएम मोदी सबसे पहले एलटी कॉलेज परिसर पहुंचे। अक्षय पात्र के मेगा किचन पहुंचे और केंद्रीयकृत रसोई का शुभारंभ किया।
इस किचन में प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए मिड-डे मील तैयार किया जाएगा। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन भी मौजूद रहीं। पीएम मोदी ने किचन में लगे अत्याधुनिक मशीनों का भी निरीक्षण किया। अक्षय पात्र एक स्वयंसेवी संस्था है जो उत्तर प्रदेश सहित देश के 12 राज्यों में बच्चों को मिड डे मील उपलब्ध करा रही है।
वाराणसी में इसके 62वें केंद्र का शुभारंभ हुआ है। इसकी क्षमता कुछ ही घंटों में करीब एक लाख बच्चों के लिए भोजन बनाने की है। पीएम मोदी के हाथों उद्घाटन के बाद सेवापुरी के 124 स्कूलों के 25 हजार बच्चों तक ये खाना खास गाड़ियों से पहुंचाया जाएगा। यहां से बना पौष्टिक आहार प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत दिया जाएगा। अक्षय पात्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष मधु पंडित दास ने कहा कि पीएम मोदी के प्रति आभार जताया। उन्होंने बताया कि इस किचन की खासियत ये है कि यहां खाना पकाने के लिए गैस और सोलर एनर्जी का उपयोग होता है। हम सुनिश्चित करते हैं कि खाने का स्वाद और पोषण अच्छा हो।
अक्षय पात्र के मेगा किचन के शुभारंभ के बाद पीएम मोदी ने सरकारी स्कूल के बच्चों से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी काफी खुश नजर आए। पीएम मोदी तब दंग रह गए जब एक बच्चा उनके सामने शिव तांडव स्तोत्र सुनाने लगा। बच्चों की प्रतिभा देख पीएम मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर उनके साथ बैठ गए और बारी-बारी से सभी से कुछ न कुछ पूछने लगे।
अपने बीच देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री को पाकर बच्चों के भी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। एक छात्र ने पीएम मोदी को योगासन कर दिखाया जिससे वो काफी प्रभावित हुए। उन्होंने बच्चों से बात करते हुए मन लगाकर खूब पढ़ाई करने पर जोर दिया। लगभग 20 मिनट में 10 से अधिक बच्चों से प्रधानमंत्री रूबरू हुए। बच्चों की प्रतिभा का जिक्र पीएम मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा समागम में किया।
शिक्षाविदों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे मेरी काशी के सरकारी स्कूल के 10-12 साल के बच्चों के साथ आज गप्प-गोष्ठी करने का मौका मिला। वहां से मैं सीधे यहां आया हूं। मैं उनसे सुनकर आया हूं और आपको सुनाने आया हूं। मैं चाहूंगा कि मैं जब अगली बार आऊंगा तो जिस स्कूल के बच्चों से मिला हूं, उनके टीचर से मिलना चाहूंगा।
एक घंटे में 40 हजार रोटियां बनेंगी
तीन एकड़ में तैयार इस किचन की क्षमता एक लाख बच्चों तक खाना पहुंचाने की है। अत्याधुनिक मशीनें एक घंटे में चालीस हजार रोटी तैयार करने के साथ 1600 लीटर दाल पका सकेंगी। दाल के लिए 1600 लीटर के चार संयंत्र लगाए गए है। चावल के लिए भी 6 हाइड्रोलिक कूकर लगाए गए हैं। एक कूकर में 140 किलो चावल तैयार किया जा सकता है। किचन में लगे आरओ प्लांट में 10 हजार लीटर पानी स्वच्छ करने की सुविधा है। सोलर पैनल व सोलर वाटर हीटर के साथ भोजन पहुंचाने के लिए 15 इंसुलेटेड वैन भी हैं।

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