बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) जिस प्रकार से देश का निर्णय पीएम और प्रदेश का निर्णय सीएम लेते है, उसी प्रकार से ग्राम प्रधान अपनी ग्राम पंचायत में महत्वपूर्ण कार्यों पर निर्णय ले। ग्राम प्रधानों का यह दायित्व है कि अपनी ग्राम पंचायत को देश व प्रदेश में रोल मॉडल के रूप में विकसित करें।
यह निर्देश आज जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल ने कलेक्ट्रेट के गांधी सभागार में जिला स्वच्छता समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुये संबंधित अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)फेज-2 के अंतर्गत जनपद की पांच हजार से अधिक जनसंख्या वाली ग्राम पंचायतों का चयन ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के अंतर्गत 49 ग्राम पंचायतों के 52 राजस्व ग्रामों का चयन किया गया है।
उन्होंने बताया कि चयनित ग्राम पंचायतों में खाद गड्डा/कम्पोस्ट पिट, वर्मी कम्पोस्ट पिट, सामुदायिक एवं संस्थागत खाद गड्डा का कार्य किया जायेगा। साथ ही ग्राम पंचायतों में सामुदायिक व संस्थागत कचरा पात्र, प्लास्टिक बैंक, कचरा वाहन ई-रिक्शा, साइकिल रिक्शा, स्वच्छता किट जैसे ड्रेस, फावड़ा, तगाड़ी, साबुन/सैनेटाईजर, ग्लब्स, कैप आदि। इसी के साथ ही एकीकृत ठोस, तरल एंव अपशिष्ट प्रबंधन केन्द्र एवं सामुदायिक एवं संस्थागत इन्सिनरेटर का भी कार्य किया जायेगा। उन्होनें कहा कि चयनित ग्राम पंचायतों में कूड़ा को निश्चित स्थान पर एकत्रित किया जायेगा, सफाई कर्मचारियों द्वारा ई-रिक्शा एंव साइकिल रिक्शा के माध्यम से घर-घर जाकर कूड़ा कनेक्शन का प्रावधान किया गया है।
श्री शुक्ल ने कहा कि यह सब होने के बाद शहर से भी अच्छा गांव होगा, जब हम एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करेगें। किसी ने सोचा नहीं होगा कि स्वच्छता के क्षेत्र में देश में हमारे इतना बड़ा परिवर्तन हो जाएगा। कहा कि ग्राम प्रधान चयनित 52 राजस्व ग्राम के 49 ग्राम पंचायतों में मॉडल गांव के रूप में विकसित करें, सभी बुनियादी मूलभूत सुविधाएं से परिपूर्ण हो मॉडल गांव, ताकि आपकी ग्राम पंचायतों से लोगो को प्रेरणा मिले, जब आप लोग अच्छा करेगें तभी लोग आपसे प्रेरणा लेगें। कहा कि ग्राम प्रधान स्वतः यह निर्णय लें, कि ग्राम की परिसम्पत्तियों का ग्राम में विकास हेतु क्या व्यवस्था की जा सकती है, जिससे परिसम्पतियों का सही सदुपयोग किया जा सके । उन्होनें कहा कि बच्चों को खेलने-कूदने के लिये ग्राम पंचायतों में खेल के मैदान, ओपन जिम आदि की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होनी चाहिए, तभी तो मॉडल गांव में रूप में विकसित होगी आपकी ग्राम पंचायत।
जिलाधिकारी ने कहा कि गांव के गंदे पानी के निस्तारण हेतु नालियों में फिल्टर चेंबर का निर्माण कर संचालित करें, जिससे नालियों का गंदा पानी फिल्टर होकर तालाबों में जाये। कहा कि ग्राम की पृष्ठभूमि बदलने के लिए एक निश्चित स्थान पर पानी का निस्तारण हो। कहा कि गन्दगी से विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती है, सफाई व्यवस्था इस प्रकार से हो कि ग्राम पंचायतों में जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो। पानी के निस्तारण की अच्छी व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए, जिस कार्य के लिये धनराशि दी जा रही है उसी कार्य में व्यय करें। निर्माण कार्य योजना के हिसाब से होना चाहिए।
बैठक में 52 राजस्व ग्रामां के ठोस एंव तरल अपशिष्ट के संबंध में ग्राम स्वच्छता का प्रस्तुतिकरण किया। बताया गया कि 16 ग्राम पंचायतों में जल संचयन का कार्य प्रारंभ है।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, ब्लाक प्रमुख, ग्राम प्रधान/सचिव आदि उपस्थित थे।