नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 11 अन्य सैन्यकर्मियों के हेलीकॉप्टर हादसे में निधन के बाद पूरे देश में शोक का माहौल है। देश के पहले सीडीएस जनरल रावत को तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और वह पिछले दो वर्ष से कड़े रुख एवं विशिष्ट समय सीमा के साथ इस कार्य को आगे बढ़ा रहे थे।
इस बीच प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अंतिम यात्रा शुक्रवार को दिल्ली छावनी में स्थित बरार स्क्वायर अंत्येष्टि स्थल पहुंची, जहां उनकी बेटियों ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम यात्रा में उमड़े लोगों के हुजूम ने ‘भारत माता की जय’, ‘जनरल रावत अमर रहें’ जैसे नारे लगाए। मुखाग्नि के दौरान जनरल रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई।
तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को एमआई17वी5 हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य रक्षाकर्मियों की मौत हो गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जनरल रावत को श्रद्धांजलि दी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी श्मशान घाट पर मौजूद थे। फूलों से अलंकृत, और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने वाले दर्जनों नागरिकों के साथ दिल्ली छावनी से पार्थिव शवों को अंत्येष्टि स्थल तक गाड़ी में शहर की सड़कों से गुजरते हुए ले जाया गया। इस पूरी यात्रा में थल सेना, नौसेना और वायु सेना के सैन्य कर्मियों ने भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को श्रद्धांजलि देने के लिए ड्रम वादकों के साथ मार्च किया।
जनरल रावत और उनकी पत्नी का बरार स्क्वायर अंत्येष्टि स्थल में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया, जहां कुछ ही घंटे पहले, सशस्त्र बलों ने उनके सहयोगी ब्रिगेडियर एलएस लिडर को अलविदा कहा। इस दौरान 800 सेना कर्मियों ने हिस्सा विया और 17 तोपों की सलामी भी दी गई।
सुबह 11 बजे से ही दिल्ली में जनरल रावत के आधिकारिक आवास पर शोक मनाने वाले लोगों के आने का सिलसिल शुरू हो गया था। यहां बिपिन रावत और उनकी पत्नी के शवों को उनके परिवार, दोस्त, सहकर्मी और जनता द्वारा अंतिम सम्मान दे लिए रखा गया था। शोक व्यक्त करने वालों में गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल भी शामिल थे।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और उत्तराखंड के सीएम पीएस धामी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल सहित, सभी दलों के राजनेता भी अपना दुख व्यक्त करने पहुंचे। जनरल रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के रहने वाले थे।
अंतिम संस्कार में श्रीलंका, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश के वरिष्ठ सैन्य कमांडर भी शामिल हुए। अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जापान और इजरायल समेत कई और देशों ने भी घटना पर अपना दुख जताया है।
जनरल रावत, उनकी पत्नी और हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए 11 लोगों के शव गुरुवार रात सी130-जे सुपर हरक्यूलिस परिवहन विमान से दिल्ली लाए गए थे। जैसे ही विमान दिल्ली में उतरा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक संक्षिप्त, लेकिन भावनात्मक समारोह में सभी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
अब तक केवल चार शवों की पहचान की गई है – जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिडर और लांस नायक विवेक कुमार। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके परिवारों के सुपुर्द कर दिया जाएगा। अन्य की पहचान होने तक शवों को आर्मी बेस अस्पताल में ही रखा जाएगा।
हादसे में बचे एकमात्र जीवित व्यक्ति ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह, जिनका शुरू में वेलिंगटन के सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा था उन्हें बेंगलुरु के वायुसेना के कमांड अस्पताल में एयरलिफ्ट किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि ग्रुप कैप्टन की हालत स्थिर है, लेकिन उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
वायु सेना ने शुक्रवार दोपहर कहा कि जिस हेलीकॉप्टर हादसे में जनरल रावत और अन्य की जान गई है, उसकी जांच ‘जल्दी से पूरी की जाएगी’। एक उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये गए हैं और इसकी अध्यक्षता एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह करेंगे, जो भारत के सबसे वरिष्ठ हेलिकॉप्टर पायलट हैं।
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