लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) कर्नाटक में कांग्रेस सरकार गठन होने के तुरंत बाद घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिए 200 यूनिट बिजली फ्री देने के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में भी दबाव बढ़ने लगा है। उपभोक्ता परिषद ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर एक अप्रैल 2023 से किसानों को फ्री बिजली देने के वादे को निभाने की मांग की है। साथ ही यह भी मांग की है कि नए टैरिफ में बिजली दरें कम की जाएं।
देश का पहला राज्य उत्तर प्रदेश है, जहां विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर करीब 25133 करोड़ रुपया बकाया है। इसके तहत बिजली कंपनियों को तीन साल तक कम दर पर उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराना चाहिए। इसके बाद भी बिजली कंपनियों ने दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि नियामक आयोग ने पश्चिमांचल, पूर्वांचल, दक्षिणांचल, मध्यांचल में सुनवाई के बाद बिजली दर निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह बिजली दर जारी कर दी जाएंगी। इस बीच उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश में एक अप्रैल 2023 से किसानों की मुफ्त बिजली देने के वादे की याद दिलाई है। परिषद का कहना है कि प्रदेश के करीब 14 लाख किसान इंतजार कर रहे हैं। इसलिए जल्द से जल्द आदेश जारी किया जाए।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा विभिन्न क्षेत्रों में सुनवाई के बाद राज्य सलाहकार समित में भी बिजली दर कम करने की मांग की गई है। विद्युत नियामक आयोग बिजली दरों में कमी के लिए टैरिफ प्रस्ताव को अंतिम रूप दे रहा है लेकिन जो सूचनाएं मिल रही हैं उसके आधार पर उपभोक्ता परिषद पूरी तरीके से चौकन्ना है। बिजली कंपनियां बिजली दरों में कमी ना हो के लिए दबाव बना रही है।
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