‘‘सभी संयुक्त आयुक्तों से मांगा गया प्रमाण पत्र’’
लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार राज्य कर विभाग में बाहरी लोगों से काम कराए जाने की शिकायतें खुफिया जांच में सही पाई गई हैं। जांच में पता चला कि विभाग के अधिकारी और कर्मचारी विभिन्न खंडों, मंडलीय और उप मंडलीय कार्यालयों में निजी लोगों से दफ्तर का काम करा रहे हैं। ये निजी लोग संवेदनशील फाइलों से लेकर ‘लेनदेन’ तक का काम करते हैं। इसे गंभीरता से लेते हुए अपर आयुक्त प्रशासन रिया केजरीवाल ने सभी संयुक्त आयुक्तों से निजी लोगों से काम न कराने का प्रमाण पत्र मांगा हैै। इसके बाद जिस कार्यालय में निजी व्यक्ति काम करते पाए जाएंगे, संबंधित अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले राज्य कर विभाग में भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी की शिकायतें सबसे ज्यादा हैं। विभाग में तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों ने ‘वसूली’ के लिए निजी कारिदें तैनात कर रखे हैं। इन कारिंदों के पास न सिर्फ विभागीय पासवर्ड हैं, बल्कि संवेदनशील फाइलों तक सीधी पहुंच है। 700 से ज्यादा कारोबारियों की ओर से की गई शिकायत में बताया गया है कि अधिकारियों के निजी कारिंदे उन्हें धमकी देते हैं और वसूली करते हैं। यह शिकायत वाणिज्य कर वैयक्तिक सहायक और आशुलिपिक सेवा संघ ने 16 सितंबर को पहली बार लिखित में की थी। राज्य कर आयुक्त के इस पत्र में आरोप लगाया था कि विभिन्न जोनल कार्यालयों में बाहरी व्यक्तियों से राजकीय कार्य कराया जा रहा है।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर आयुक्त प्रशासन ने सभी संयुक्त आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि निजी व्यक्तियों से किसी सूरत में विभागीय कार्य न कराए जाएं। किसी कार्यालय में निजी व्यक्ति से काम कराने की शिकायत मिली तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी अधिकारी राज्य कर आयुक्त को प्रमाण पत्र देंगे कि उनके कार्यालय में कोई निजी व्यक्ति कार्य नहीं करता है। इसकी जांच राज्य कर की एक विंग औचक छापा मारकर करेगी।