कन्नौज : कृषि रक्षा अधिकारी ने बताये सुरक्षित अन्न भंडारण के उपाय

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो)  फसल की कटाई के उपरान्त भडारण में होने वाली क्षति में से अकेले कीटों का योगदान 2 से 2.5 प्रतिशत है। सुरक्षित अन्न भण्डारण करने से प्रतिवर्ष होने वाली क्षति को कम किया जा सकता है तथा अपने उत्पाद का सही मूल्य प्राप्त किया जा सकता है l यह जानकारी जिला कृषि रक्षा अधिकारी श्री अविशांक सिंह चौहान ने दी l उन्होंने बताया है कि भण्डारण हेतु अनाज में यदि 10 प्रतिशत से अधिक नमी होती है तो कीटों की संख्या एवं फंफूदी तेजी से बढ़ने लगती है। जिससे अनाज में जमाव क्षमता कम हो जाती है तथा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है। यदि भण्डारण कक्ष/पात्र में आक्सीजन पर्याप्त उपलब्ध है तो कीटों के लगने की सम्भावना अधिक होगी इसे नियन्त्रित करना होगा। भण्डारण कक्ष का तापमान कम रखकर कीटों की बढ़वार कम की जा सकती है। कीटों के भण्डारण कक्ष में पहुंचने के प्रमुख कारण यह है कि खेतों में पाये जाने वाले सूंड़ी, पतंगा, बीटल बोरों द्वारा भण्डार कक्ष में पहुँच जाते है। मढ़ाई के समय थ्रेशर आदि में मौजूद कीट भंडारण तक अन्न के साथ पहुँच जाते है। ढोने वाले साधन ट्रैक्टर ट्राली, बैलगाड़ी के माध्यम से अनाज के साथ भण्डार कक्ष में पहुँच जाते है। पुरानें भण्डारण कक्ष में मौजूद कीट अनुकूल समय पर अनाज पर संक्रमण कर देते है।

श्री सिंह ने बताया है कि सुरक्षित अन्न भण्डारण हेतु खेत में मढ़ाई के बाद बहुत ही सावधानी पूर्वक भंडार कक्ष तक अनाज को लाना चाहिये। गोदाम कोठला / भंडार गृह को भलीभांति साफ कर लेना चाहिये। दरार बिल आदि को बन्द कर देना चाहिये। जिससे चूहे, नमी, कीट का प्रवेश ना हो सके। पुराने बोरों बखारी कुठला आदि को मैलाथियान 50 प्रतिशत 1:100 के अनुपात में घोल बनाकर छिड़काव करें। बोरों को 10 मिनट भिगोकर सुखा ले तथा बाद में भण्डारण करें। अनाज को अच्छी प्रकार सुखा ले नमी 10 प्रतिशत से अधिक ना रहे तब इसको भण्डारण करें। यदि भण्डारण कक्ष/ गोदाम में करना है तो फर्श पर 2.5 फीट नये भूसे की पर्त बिछाकर बाद में बोरों की छल्ली लगायें। ध्यान रहे

कि दीवाल से 2.5 फीट की दूरी पर बोरों की छल्ली लगायें साथ ही कक्ष में बोरियों की छल्ली के बीच में एल्युमिनियम फास्फाइड की 10 ग्राम पैकिंग की 150 ग्राम प्रति 100 घन मी० की दर से दवा रखें तथा कक्ष को बायोरोधी कर दें।  भण्डारण कुठला या बखारी में करना है तो एल्युमिनियम फास्फाइड की 10 ग्राम मात्रा के एक पैकेट को 1 मैट्रिक टन अनाज में रखकर दोरोधी कर दे। बीज में  प्रयोग हेतु भण्डारित अनाज को मैलाथियान 5 प्रतिशत पाउडर को 250 ग्राम प्रति क्विंटल अनाज में मिलाकर भण्डारित करना चाहिये। अनाज भण्डारण हेतु भण्डार पात्रों में पेंदी में तथा बीच में नीम की सूखी पत्ती रखने से कीटों का प्रकोप कम होता है।  कृषि विभाग द्वारा विभिन्न पारिस्थितिकीय संसाधनों द्वारा कीट रोग नियंत्रण योजना में पंजीकृत कृषकों को 50 प्रति० अनुदान पर (2000रू० प्रति बखारी) डी०बी०टी० के माध्यम से अनुदान पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए ब्लॉक पर तैनात प्रभारी कृषि रक्षा इकाई से सहायता ले सकते है।

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