‘‘4 पीएम के संपादक संजय शर्माजी से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की खास बातचीत’’
नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) लोकसभा चुनाव 2024 के पूरे चरम पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बात की 4 पीएम के संपादक संजय शर्माजी ने। इस बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी, देश में बढ़ रही तानाशाही के खिलाफ अपनी पार्टी और विपक्ष की लड़ाई के बारे में बात की और साथ ही लोकसभा चुनावों में ‘इंडिया’ गठबंधन की बड़ी जीत का भी भरोसा जताया और बताया कि कैसे कटे जेल में वो काले दिन। प्रस्तुत है अरविंद केजरीवाल के साथ हुई बातचीत के कुछ अंश-
क्या आपने मोदी जी के लिए कुछ ज्यादा ही तीखा बोल दिया, जो बात आज आपके माता-पिता से पुलिस के पूछताछ करने तक आ गई? क्या लगता है आपको कुछ ज्यादा हो गया क्या ?
मुझे नहीं लगता मैंने कुछ गलत बोला है। मोदी जी बहुत बड़े नेता हैं, वो देश के राजा हैं, मैं तो एक छोटा सा व्यक्ति हूं। सिर्फ दो राज्यों में मेरी सरकार है, छोटी सी हमारी पार्टी है। हमें इतने बड़े आदमी से क्या ही लेना-देना। मैंने हमेशा मुद्दों की बात की है, जो कि होनी भी चाहिए। हां हो सकता मेरा अंदाज कुछ अलग रहा हो। अब अगर मुद््दों की बात करने पर मुझे या मेरी पार्टी को प्रताडित किया जाएगा, झूठे मामलों में हमें फंसाया जाएगा और हमें जेल में डाला जाएगा, ये तो जनतंत्र के खिलाफ है। देश में हर किसी को अपनी बात रखने और बोलने का अधिकार है। लेकिन इन्होंने जो मेरे बुजुर्ग माता-पिता को निशाना बनाया, ये बहुत ही पीड़ादायक है। मैं मोदी जी से पूछना चाहता हूं कि क्या आपको लगता है कि मेरे बूढ़े माता-पिता किसी चीज में गुनहगार हैं? आपकी लड़ाई, राजनीति मुझसे है। मेरे साथ जो करना है करिए, लेकिन माता-पिता को प्रताडित मत करो।
जिस नेता को आपने आगे बढ़ाया राज्यसभा भेजा, एक बड़े आयोग की चेयरमैन बनाया, उसी के मामले में पार्टी को फंसाया जा रहा है। क्या आपसे चयन में गलती हो गई ?
मामला अभी कोर्ट में है, इसलिए इस मामले पर मैं अभी कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा। मैं मौके पर मौजूद नहीं था। दोनों पक्षों के अपने-अपने वर्जन हैं और दोनों पुलिस के सामने हैं। पुलिस इन पर निष्पक्ष जांच करे। जो सही हो उसे न्याय मिलना चाहिए।
आम आदमी पार्टी को ही इतना टारगेट क्यों किया जा रहा है? आपके कई बड़े नेता-मंत्रियों फिर खुद आपको भी जेल भेज दिया गया। आखिर वजह क्या है?
इसकी कई वजह हैं। दरअसल, आम आदमी पार्टी एक एक्सपेरीमेंट है। मुझे जेल में भेज कर उन्होंने देश को ये संदेश दिया कि अगर मैं एक सिटिंग मुख्यमंत्री को जो इतने बड़े बहुमत से जीता है, उसे गिरफ्तार करके जेल में भेज सकता हूं। तो मैं किसी को भी गिरफ्तार करवा सकता हूं। ये पूरे देश को, पूरे विपक्ष को डराने का मैसेज है। दूसरा, जिस तरह से आप के नेताओं को टारगेट करके जेल भेजा गया, उसके पीछे इनका मकसद है आम आदमी पार्टी को बर्बाद करना, खत्म करना। ये जानते हैं कि आने वाले समय में आप ही इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर और राज्यों के स्तर पर भी मजबूत चुनौती देने वाली है। इसलिए ये चाहते हैं कि इसे पहले ही खत्म कर दो। इसीलिए हमारे नेताओं को जेल में डालने के बाद अब ये हमारे बैंक अकाउंट फ्रीज कराने जा रहे हैं, हमारा दफ्तर खाली करवाने की सोच रहे हैं। लेकिन ये भूल जाते हैं कि आम आदमी पार्टी अब सिर्फ चार लोगों की पार्टी नहीं बल्कि एक सोच है। आज हम लोगों के दिल में बस चुके हैं। आप हमारे दो नेताओं को जेल में डालोगे, तो दो सौ और नेता पैदा हो जाएंगे। अब आम आदमी पार्टी को रोका नहीं जा सकता।
आप भी तो इतना पर्सनल हो जाते हैं मोदी जी पर। इतने बड़े देश के प्रधानमंत्री हैं वो और आप विधानसभा में चैथी पास राजा की कहानी सुनाते हैं। इतने व्यक्तिगत हमले क्यों करते हैं आप ?
क्या पॉलिटिकल व्यंग्य नहीं किया जा सकता? मेरे ऊपर इतने कार्टून बनते हैं, व्यंग्य होते हैं, मेरी खांसी, मेरे मफलर पर कितने व्यंग्य हुए। तो क्या मैं नहीं कर सकता। मैंने तो व्यंग्य की तरह एक कहानी सुनाई थी, उसे इतना पर्सनल नहीं लेना चाहिए। ऐसे अगर हम टार्गेट करके लोगों को अपना दुश्मन मानने लगेंगे, तो जनतंत्र नहीं रहेगा। जनतंत्र एक व्यापक चीज है।
आप जानते हो कि मोदी जी को पसंद नहीं है आलोचना सुनना, या व्यक्तिगत हमला। अब आप इतने बड़े आदमी से टकराएंगे फिर तो ये सब होगा ही?
मैं किसी से टकरा नहीं रहा, न मैं यहां किसी से टकराने आया हूं। लेकिन हंसी-मजाक तो होता ही है, उसे बर्दाश्त करना चाहिए। अन्ना जी भी कहते थे कि अपमान सहने की शक्ति होनी चाहिए। ये तो सिर्फ व्यंग्य है। लेकिन कई मौकों पर तो मुझे गालियां दी जाती हैं। मैं अगर ऐसे बुरा मान जाऊं तो मेरे लिए तो जीना ही मुश्किल हो जाएगा।
आपने अन्ना जी का जिक्र किया, क्या अब आपका अन्ना जी से बिल्कुल संवाद नहीं होता ?
बीच-बीच में कभी-कभी बात होती थी। लेकिन इन दिनों काफी वक्त से बातचीत नहीं हो पाई है।
आपने कभी सोचा था कि इस राजनीति के चक्कर में जेल भी जाना पड़ेगा? आपके आरोप थे कि जेल में आपके खाने पर पाबंदी है, आपको इंसुलिन नहीं मिल रही। मीडिया में जेल में आपके आम खाने और इंसुलिन को लेकर इतनी चर्चा होगी, कभी सोचा था आपने ?
मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे जेल जाना पड़ेगा। जेल तो छोटी बात है मैंने कभी ये भी नहीं सोचा था कि मेरे माता-पिता को इस तरह से निशाना बनाकर प्रताडित किया जाएगा। बीजेपी ने राजनीति की सारी सीमाएं लांघ दी हैं। भारतीय राजनीति में कभी मां-बाप को इस तरह से परेशान नहीं किया जाता है। ये बहुत ही न्यूनतम स्तर की बात है।
आप कह रहे हैं वो अगर जीत गए तो। आपको क्या लगता है फिर भाजपा जीत जाएगी? वो तो कह रहे हैं अबकी बार 400 पार, आपको क्या लगता है?
मैं उम्मीद करता हूं राजीव नारायण शर्मा जी की भविष्यवाणी सच हो और ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बने।
लोग कहते हैं केजरीवाल बहुत चालाक हैं, अवसरवादी हैं। जिस कांग्रेस से इतना लड़ाई थी सत्ता के लिए उससे ही दोस्ती कर ली। ये आरोप आप पर लगते हैं, क्या कहेंगे इन पर ?
हम सब लोग देश को तानाशाही से बचाने के लिए साथ आए हैं। जेल से निकलने के बाद जब मैं घूमा हूं देश में तो मैंने देखा कि पहले तानाशाही शब्द विपक्ष और उसके नेता इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब जनता इस्तेमाल कर रही है, लोग बोल रहे हैं कि देश तानाशाही की तरफ जा रहा, देश को तानाशाही से बचाना है। इसलिए हम सबका मकसद ये ही है कि देश को बचाया जाए।
सत्ता हासिल होने के बाद भी क्या इतना ही भाईचारा बना रहेगा?
देश के लिए काम करते रहेंगे, देश के लिए साथ खड़े रहेंगे। अभी जो अलग-अलग पार्टियों ने अलग-अलग मेनिफेस्टो जारी किए हैं, मैं उम्मीद करता हूं सत्ता में आने के बाद हम सभी मेनिफेस्टो को मिलाकर एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाएंगे और उस पर काम करेंगे।
आप लिखकर दे देते हैं कि किसकी कितनी सीटें आएंगी। इस बार आपको क्या लग रहा है किसकी कितनी सीटें आ रही हैं?
मुझे लगता है कि बीजेपी की 220 सीटों से कम आनी चाहिए, ये मेरा अनुमान है। जबकि ‘इंडिया’ गठबंधन धीरे-धीरे अपनी दम पर 300 की तरफ बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री कौन बनेगा ‘इंडिया’ गठबंधन का? लोग तो आपके नाम की भी चर्चा करते हैं?
मैं रेस में नहीं हूं। हमारी छोटी सी पार्टी है, हम सिर्फ 22 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। हम अंदर से जाएंगे या सरकार को बाहर से सपोर्ट करेंगे ये बाद में तय करेंगे। अभी सिर्फ एक ही मुद्दा है कि 4 जून को देश बचाने के लिए हम सब मिलकर काम कर रहे हैं। हम मिलकर तय करेंगे कौन पीएम बनेगा?
केजरीवाल जी मैं आपसे यह नहीं पूछूंगा कि आप लोग दिल्ली में कितनी सीटें जीत रहे हैं, क्योंकि मैं जानता हूं कि आपका उत्तर होगा कि हम सातों सीटें जीत रहें हैं। इसीलिए मैं आपसे पूछ रहा हूं कि दिल्ली में सबसे ज्यादा वोटों से कौन सी सीट जीत रहे हैं?
अगर आप मुझसे दो महीने पहले पूछते तो मैं कहता कि दो या तीन सीट शायद जीत जाएं। लेकिन जबसे इन्होंने मुझे गिरफ्तार किया है, तबसे दिल्ली की जनता में इतना ज्यादा गुस्सा है, उसने पूरी बाजी पलट दी है। अब हम सातों सीटें जीत रहे हैं।
आपको दोबारा जेल जाने का डर लग रहा है?
नहीं, मुझे कोई डर नहीं है। मुझे इंस्प्रेशन मिलता था। मैंने आजादी का आंदोलन पढ़ा, मैंने कई किताबें एक महीने के अंदर जेल में पढ़ डालीं। मैं सोचता था कि मुझे तो पता है कि 4 महीने, 6 महीने या साल भर बाद मैं जेल से बाहर चला जाऊंगा। आखिर कितने दिन रख लेंगे ये मुझे अंदर। लेकिन आप सोच कर देखिए अंग्रेजों के वक्त भगत सिंह के सामने क्या था, पंडित जवाहर लाल नेहरू जी 10-12 साल जेल में रहे, हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी कितने साल जेल में रहे, चंद्रशेखर आजाद जेल में रहे, उनके सामने क्या था। लेकिन आज जो लड़ाई मैं लड़ रहा हूं, वो भी उसी तरह की लड़ाई लड़े थे। उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए यह लड़ाई लड़ी थी। मैं लड़ रहा हूं देश को बचाने के लिए। हमारे नेता मनीष सिसोदिया भी देश को बचाने के लिए डेढ़ साल से जेल में हैं। ऐसे में जब हमारे देश के महापुरूषों ने उस वक्त अंग्रेजों के तानाशाही शासन में गुलामी के वक्त में उनके अत्याचारों को सहा, बर्दाश्त किया। तो मैं आज आजाद भारत के तानाशाही वाले माहौल में एक भारतीय तानाशाह के अत्याचारों को भी उसी तरह बर्दाश्त करूंगा जैसे उन लोगों ने बर्दाश्त किया था।
बीजेपी वाले कहते हैं कि अगर शराब वालों से 100-150 करोड़ न लिए होते, तो इतनी परेशानी होती ही नहीं।
सौ-डेढ़ सौ करोड़ अगर लिए तो वो गए कहां? इन्होंने इतनी रेड मार लीं चवन्नी कहीं नहीं मिली इन्हें। सारे बैंक लॉकर, बैंक अकाउंट देख लिए, कहीं कुछ नहीं मिला। कहीं एक पैसे का सबूत नहीं मिला। आखिर कहां गए पैसे? क्या हवा में गायब हो गए सारे पैसे? ये पूरा केस ही फर्जी है।
क्या लगता है आपको अगर 1 जून को आपको फिर जेल जाना पड़ा और 4 जून को नतीजों में ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आई, तो 5 जून को ईडी क्या शपथ पत्र देगी सुप्रीम कोट में?
देखते हैं तब क्या होता है।