नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने के बाद देश छोड़ दिया और अब वह भारत की शरण में हैं। इसके साथ ही भारत की ’कट्टर दुश्मन’ मानी जाने वाली विपक्षी दल की प्रमुख नेता खालिदा जिया जेल से रिहा हो गई हैं। जेल से बाहर आते ही उन्होंने शेख हसीना शासन के खिलाफ जहर उगला और बोलीं कि देश के बहादुर लोगों ने असंभव को संभव कर दिखाया है। गत दिवस हसीना के देश छोड़ने के बाद राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने जिया की रिहाई का आदेश दिए थे। वह कई मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद नजरबंद थी। माना जा रहा है कि एक बार फिर उनकी पार्टी सत्ता में आ सकती है और वह देश की नई प्रधानमंत्री बन सकती हैं। शहाबुद्दीन ने संसद को भंग करने के बाद एक अंतरिम सरकार का गठन करने का भी ऐलान किया। हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी जिया को भ्रष्टाचार के एक मामले में 17 साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद 2018 में जेल में डाल दिया गया था। माना जा रहा है कि नई सरकार में खालिदा जिया फिर प्रधानमंत्री बनेंगी।
बांग्लादेश की सत्ता में खालिदा जिया का आना भारत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। उनके शासन के दौरान भारत-बांगलादेश के रिश्ते तनावपूर्ण रहे जबकि शेख हसीना ने दोनों देशों के संबंधों में काफी सुधार किया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि खालिदा जिया का झुकाव पाकिस्तान की ओर रहा है और उनकी पार्टी बीएनपी में कट्टरपंथी भरे हैं जो भारत के लिए समस्या है। फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के मनीष दाभाड़े कहते हैं, ’विपक्षी नेता खालिदा जिया की बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी के कट्टरपंथी और इस्लामवादी भारत के लिए मुख्य समस्या हैं। उन्होंने बांग्लादेश के विरोध प्रदर्शन को हाईजैक कर लिया था और भविष्य में कोई भी सरकार जिसमें वे शामिल हों वह भारत के लिए समस्या होगी, क्योंकि मूल रूप से वह चीन और पाकिस्तान समर्थक हैं।’
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